"चिंपैंजी": अवतरणों में अंतर
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=== जीवाश्म ===
[[मानव का विकास|मानव जीवाश्म]] काफी मात्रा में पाए गए हैं लेकिन चिम्पांजी के जीवाश्मों के बारे में 2005 तक कोई वर्णन मौजूद नहीं था। पश्चिम और मध्य अफ्रीका में चिम्पांजी की मौजूदा आबादी पूर्वी अफ्रीका में प्रमुख मानव जीवाश्म स्थलों से मेल नहीं खाती हैं। हालांकि अब चिम्पांजी के जीवाश्मों के बारे में [[कीनिया|केन्या]] से जानकारी प्राप्त हुई है। इससे यह संकेत मिलता है कि मनुष्य और ''पैन'' क्लेड के सदस्य, दोनों मध्य प्लेस्टोसीन काल के दौरान पूर्वी अफ्रीकी रिफ्ट वैली में मौजूद थे।<ref name="firstfossil">{{Cite journal| title = First fossil chimpanzee | last = McBrearty | first = S. |
== शारीरिक रचना और शरीर विज्ञान (एनाटोमी और फीजियोलॉजी) ==
आम नर चिम्प की ऊँचाई खड़े होने पर {{convert|1.7|m|ft}} तक होती है और इसका वजन अधिक से अधिक {{convert|70|kg|lb}} होता है; मादा चिम्पांजी कुछ छोटी होती है। आम चिम्प के लंबे हाथ फैलाए जाने पर शरीर की ऊँचाई से अधिक से अधिक डेढ़ गुना अधिक होते हैं और चिम्पांजी के हाथ इसके पैरों से लम्बे होते हैं।<ref>"[http://www.rollinghillswildlife.com/animals/c/chimpanzee/chimpanzee.pdf ]", रोलिंग हिल्स वाइल्डलाइफ एडवेंचर 2005</ref> बोनोबो आम चिम्पांजी की तुलना में थोड़ा छोटा और दुर्बल होता है लेकिन इसके हाथ-पैर लम्बे होते हैं। दोनों प्रजातियाँ अपने लंबे, शक्तिशाली हाथों का इस्तेमाल पेड़ों पर चढ़ने के लिए करती हैं। जमीन पर चिम्पांजी आम तौर पर अपने सभी चारों हाथ-पैरों पर अपनी उँगलियों की गांठों (नक्कल्स) का इस्तेमाल करते हुए चलते हैं और सहारे के लिए हाथों को भीच कर रखते हैं, चलने-फिरने का यह तरीका नक्कल-वाकिंग कहलाता है। चिम्पांजी के पैर ओरांगउटान की तुलना में चलने-फिरने के लिए कहीं अधिक अनुकूल होते हैं क्योंकि चिम्पांजी के तलवे अपेक्षाकृत चौड़े और अंगूठे छोटे होते हैं। आम चिंपांज़ी और बोनोबो दोनों अपने हाथों और बाजुओं से किसी चीज को उठाकर ले जाते समय दो पैरों पर सीधे खड़े होकर चल सकते हैं। बोनोबो के हाथ आनुपातिक रूप से अधिक लंबे होते हैं और ये आम चिम्पांजी की तुलना में अक्सर सीधे खड़े होकर चलना पसंद करते हैं। इसकी खाल काली होती है; चेहरे, उँगलियों, हाथ की हथेलियाँ और पैर के तलवे बालरहित होते हैं; और चिम्प के पास पूँछ नहीं होती है। दोनों प्रजातियों में चेहरे, हाथों और पैरों की बाहरी त्वचा गुलाबी से लेकर बहुत गहरे रंग की होती है लेकिन युवा चिम्पान्जियों में आम तौर पर यह रंग अपेक्षाकृत हल्का होता है, परिपक्व (वयस्क) होने पर इसका रंग गहरा होने लगता है। शिकागो मेडिकल सेंटर विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में चिम्पांजी की आबादियों के बीच काफी आनुवंशिक भिन्नताएं पायी गयी हैं।<ref>{{Cite news| first= | last= |
चिम्पांजी के [[अंडकोष]] उसके शरीर के आकार के हिसाब से असामान्य तौर पर बड़े होते हैं जिनका संयुक्त वजन एक गोरिल्ला के अंडकोष {{convert|1|oz}} या एक मानव अंडकोष {{convert|1.5|oz}} की तुलना में लगभग {{convert|4|oz}} होता है। इसके लिए आम तौर पर चिम्पांजी के संभोग संबंधी आचरण की बहुपतीत्व (पोलीएंड्रस) प्रकृति के कारण होने वाली शुक्राणु की प्रतिस्पर्धा जिम्मेदार है।<ref name="rat_behavior">
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==== उपकरण का उपयोग ====
अक्टूबर 1960 में जेन गुडऑल द्वारा चिम्पान्जियों के बीच उपकरणों के इस्तेमाल की खोज को सबसे महत्वपूर्ण खोजों में से एक माना गया है। हाल के शोध से यह संकेत मिलता है कि चिम्पांजी द्वारा पत्थर के उपकरण का इस्तेमाल कम से कम 4,300 साल पहले शुरू किया गया था।<ref>{{Cite journal| author = Julio Mercader, Huw Barton, Jason Gillespie, Jack Harris, Steven Kuhn, Robert Tyler, Christophe Boesch | year = 2007 | title = 4300-year-old Chimpanzee Sites and the Origins of Percussive Stone Technology | journal = PNAS | volume = Feb | pages = }}</ref> चिम्पांजी के उपकरण संबंधी उपयोग में एक बड़े छड़ीनुमा उपकरण से दीमक के ढेर की खुदाई और उसके बाद एक छोटी रूपांतरित छड़ी का उपयोग कर दीमकों को "बाहर" निकालना शामिल है।<ref>{{Cite web| author = Bijal T. | title = Chimps Shown Using Not Just a Tool but a "Tool Kit" | url = http://news.nationalgeographic.com/news/2004/10/1006_041006_chimps.html | accessdate = 2010-01-20 | date = 2004-09-06}}</ref> हाल के एक अध्ययन से भाले जैसे उन्नत औजारों का पता चला है जिसे [[सेनेगल]] के आम चिम्पांजी अपनी दांतों से पैना करते थे और उसका इस्तेमाल सेनेगल की बुशबेबीज को पेड़ों के छोटे-छोटे छिद्रों से बाहर निकालने में करते थे।<ref>{{Cite web| author = Fox, M. | title = Hunting chimps may change view of human evolution | url = http://news.yahoo.com/s/nm/20070222/sc_nm/chimps_hunting_dc | accessdate = 2007-02-22 | date = 2007-02-22 |archiveurl = http://web.archive.org/web/20070224115149/http://news.yahoo.com/s/nm/20070222/sc_nm/chimps_hunting_dc <!-- Bot retrieved archive --> |archivedate = 2007-02-24}}</ref><ref>{{Cite web|url=http://www.iastate.edu/~nscentral/news/2007/feb/chimpstools.shtml |title=ISU anthropologist's study is first to report chimps hunting with tools |accessdate=2007-08-11 |last= |first= |authorlink= |
==== समानुभूति ====
[[चित्र:Chimpanzee mom and baby cropped.jpg|left|thumb|चिम्पांजी की माँ और बच्चे]]
हाल के अध्ययनों से पता चला है कि चिम्पांजी समूहों के भीतर जाहिर तौर पर [[पर्यायवाद|परोपकारी]] व्यवहार में संलग्न होते हैं,<ref>{{Cite web|url=http://www.sciencedaily.com/releases/2007/06/070625085134.htm |title=Human-like Altruism Shown In Chimpanzees |accessdate=2007-08-11 |date= 2007-06-25|work=Science Daily }}</ref><ref>{{Cite journal|last=Bradley |first=Brenda |authorlink= |
"चिम्पांजी के अध्यात्म" के साक्ष्यों में शामिल हैं शोक का प्रदर्शन, "प्रारंभिक रोमांटिक प्यार", "वर्षा नृत्य", प्राकृतिक सौन्दर्य की सराहना जैसे कि किसी झील के ऊपर सूर्यास्त का दृश्य, वन्यजीव के प्रति जिज्ञासा और आदर भाव (जैसे कि [[अजगर]], जो चिम्पान्जियों के लिए ना तो कोई खतरा है और ना ही भोजन का स्रोत), अन्य प्रजातियों के प्रति समानुभूति (जैसे कि कछुओं को खिलाना) और यहाँ तक कि बच्चों को खिलाते समय [[सर्वात्मवाद|"एनिमिज्म (नाटक)"]] का प्रदर्शन.<ref>[http://www.originsnet.org/chimpspiritdatabase.pdf एपेंडिक्स फॉर चिम्पांजी स्प्रिचुएल्टी बाय जेम्स हैरोड]</ref>
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