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== राजनीतिक कैरियर ==
[[चित्र:SHIVAJI PARK 3 MAY.jpg|right|200px|thumb|मुंबई के शिवाजी पार्क में अपनी रैली में भाग लेने वाले राज ठाकरे के समर्थक]]
कभी शिवसेना के भावी नेता के रूप में देखे जानेवाले ठाकरे ने महाराष्ट्र में बाल ठाकरे की शिवसेना पार्टी के साथ अपना राजनीतिक जीवन शुरू कर दिया। 'कथित तौर पर बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे द्वारा दरकिनार किये जाने पर 9 मार्च 2006 को राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एम एन एस) का गठन किया।<ref>{{cite news|url=http://specials.rediff.com/news/2005/dec/01sld1.htm |title=Raj Thackeray: The tiger cub|date=1 दिसंबर 2005-12-01|publisher=[[रीडिफ]]|accessdate=3 जनवरी 2002-01-03}}</ref> शिवसैनिकों (शिवसेना के सदस्य), जिन्होंने राज के चचेरे भाई उद्धव ठाकरे (बाल ठाकरे के बेटे) के खिलाफ उनके नेतृत्व का समर्थन किया था, एम एन एस में शामिल हो गए। पार्टी ने स्थानीय मराठी भाषी (''मराठी मानुष'') के हित में एक छद्म विचारधारा को स्थापित किया। इसकी स्थापना के बाद से पार्टी द्वारा महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों पर राजनीतिक और शारीरिक तौर पर हमले किये गए। राज ने खुले तौर पर पर्यावरण के समर्थन में [[पुणे]] के विभिन्न पहाड़ी क्षेत्रों में नए शहरी विकास कार्यक्रमों की आलोचना की।<ref name="Shiv sainiks to protect hills: Raj Thackeray">{{cite news|url=http://cities.expressindia.com/fullstory.php?newsid=43128|title=Shiv sainiks to protect hills: Raj Thackeray|date= फ़रवरी 07, 2003|publisher=Indian Express|accessdate=7 दिसंबर 2008-12-07}}</ref> 2003 में राज ने पूरे महाराष्ट्र में 76 [[लाख]] पेड़ लगाने की एक परियोजना शुरू की, लेकिन इसे कभी नहीं पूरा किया गया। 2009 में हुए चुनाव में उनकी पार्टी ने शिवसेना के बहुत बड़े मराठी वोटों को निगल लिया, इससे कांग्रेस - एन सी पी गठबंधन सत्ता में आई।<ref name="Why politicians don’t save trees">{{cite news|url=http://cities.expressindia.com/fullstory.php?newsid=52334|title=Why politicians don’t save trees|date=May 18, 2003|publisher=Indian Express|accessdate=7 दिसंबर 2008-12-07}}</ref>
 
== महाराष्ट्र में ग्रामीण विकास ==
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=== 2008 में उत्तर भारतीयों के खिलाफ हिंसा ===
{{main|2008 महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के खिलाफ हिंसा}}
फरवरी 2008 में राज ठाकरे ने कथित उत्तर प्रदेश और बिहारी 'दादागिरी' के खिलाफ एम एन एस के ''आंदोलन'' का नेतृत्व किया। शिवाजी पार्क की एक रैली में राज ने चेतावनी दी, अगर मुंबई और महाराष्ट्र में इन लोगों की ''दादागिरी'' जारी रही तो उन्हें महानगर छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया जाएगा। आश्चर्यजनक रूप से देश की दोनो राष्ट्रीय पार्टियों ने काँग्रेस और भारतीय जनता पार्टी उसकी इस गुन्डागर्दी पर मूक बनी रहीं<ref name="dadagiri">{{cite web|url=http://www.ndtv.com/convergence/ndtv/story.aspx?id=NEWEN20080048753|title=Raj Thackeray dares Maharashtra govt on north Indians' stand|date=May 03, 2008|publisher=[[NDTV]]|accessdate=6 जनवरी 2009-01-06|quote=Addressing a crowded public meeting at Shivaji Park in central Mumbai, the place where his uncle and Shiv Sena chief Bal Thackeray addresses his annual Dussehra rallies, Raj warned if the dadagiri of north Indians in Mumbai and Maharashtra continued, he would be compelled to make them leave the metropolis. }}</ref> सपा नेता [[अबू आज़मी]], लेकिन मीडिया के अनुसार, बहुत सारे लोगों के जख्मी होने और करोड़ों रुपए मूल्य की संपत्ति के नुकसान के बावजूद महज 15,000 रूपये जुर्माना अदा करने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
 
=== किनी हत्या के मामले से बरी ===