"वैश्विक मोबाइल संचार प्रणाली": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:GSM World Coverage 2008.png|thumb|400px|2008 में GSM की विश्व में व्याप्ति]]
'''GSM''' ('''मोबाइल संचार के लिए ग्लोबल सिस्टम''' : मूलतः '''''ग्रुप स्पेशल मोबाइल'' ''' से) विश्व में [[मोबाइल फोन|मोबाइल फ़ोन]] के लिए सबसे लोकप्रिय मानक है। इसके प्रवर्तक [[GSM एसोसिएशन]] का अनुमान है कि दुनिया के 80% मोबाइल बाजार इस मानक का उपयोग करते है।<ref>{{cite web | title = GSM World statistics | publisher = GSM Association | date = 2007 | url = http://www.gsmworld.com/newsroom/market-data/market_data_summary.htm | accessdate =
इसकी सर्वव्यापकता ने [[मोबाइल फ़ोन ऑपरेटर|मोबाइल फ़ोन ऑपरेटरों]] के बीच अंतर्राष्ट्रीय [[रोमिंग]] को काफी सामान्य बना दिया है, जिससे उपभोक्ता अपने मोबाइल को विश्व के कई हिस्सों में उपयोग करने में सक्षम हो जाते है। GSM अपने पूर्ववर्तियों से इस आशय में भिन्न है कि इसमें संकेत और संवाद चैनल [[डिजिटल]] हैं और इसलिए इसे ''दूसरी पीढ़ी'' [[2G|(2G)]] का मोबाइल फ़ोन प्रणाली माना जाता है। इससे यह भी तात्पर्य निकलता है कि इस प्रणाली में डाटा संचार का निर्माण आसान है।
GSM मानक की सर्वव्यापकता उपभोक्ताओं (जो रोमिंग और बिना अपना फ़ोन बदले वाहक बदलने की सुविधा से लाभान्वित होते हैं) और नेटवर्क ऑपरेटरों (जो GSM अमल में लाने वाले विभिन्न विक्रेताओं से उपकरण चुन सकते हैं<ref>{{cite web | title = Texas Instruments Executive Meets with India Government Official to outline Benefits of Open Standards to drive mobile phone penetration | publisher = Texas Instruments | date = [[July 12]], [[2006]] | url = http://focus.ti.com/docs/pr/pressrelease.jhtml?prelId=sc06127 | accessdate = 8 जनवरी 2007
मानक के नए संस्करण, मूल GSM फ़ोन से पार्श्वगामी संगतता बनाए हुए हैं। उदाहरण के लिए, मानक के [[3GPP # मानक|रिलीज'97]] में [[सामान्य पैकेट रेडियो सेवा|जनरल पैकेट रेडियो सर्विस]] (GPRS) के माध्यम से पैकेट डाटा क्षमताओं को जोड़ा गया। रिलीज'99 ने [[GSM के विकास के लिए वर्धित डाटा दर|GSM के विकास हेतु वर्धित डाटा दर]] (EDGE) के उपयोग द्वारा तीव्र गति से आंकडों के प्रसारण को उपलब्ध कराया.
== इतिहास ==
1982 में, [[यूरोपीय डाक और दूरसंचार प्रशासनों का सम्मेलन|यूरोपीय डाक और दूरसंचार प्रशासनिक सम्मेलन]] ([[CEPT]]) में एक ग्रूप स्पेशल मोबाइल (GSM) स्थापित किया गया, ताकि मोबाइल टेलीफोन प्रणाली के लिए एक ऐसा मानक विकसित कर सकें, जिसका उपयोग सारे यूरोप में संभव हो.<ref>{{cite web | title = Brief History of GSM & GSMA | publisher = GSM World | url = http://www.gsmworld.com/about-us/history.htm | accessdate = 8 जनवरी 2007
1989 में, GSM की जिम्मेदारी [[यूरोपीय दूरसंचार मानक संस्थान]] (ETSI) को सौंपी गई और GSM विनिर्देशों की प्रथम प्रावस्था का प्रकाशन 1990 में किया गया। 1991 में पहले GSM नेटवर्क की शुरूआत, [[एरिक्सन]] के साथ संयुक्त तकनीकी आधार-तंत्र के रख-रखाव सहित [[रेडियोलिंजा]] ने [[फ़िनलैंड|फिनलैंड]] में की.<ref>{{cite web | title = Nokia delivers first phase GPRS core network solution to Radiolinja, Finland | publisher = Nokia | date = [[January 24]], [[2000]] | url = http://press.nokia.com/PR/200001/775038_5.html | accessdate = 8 जनवरी 2006
== तकनीकी विवरण ==
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=== श्रव्य उपकरणों के साथ हस्तक्षेप ===
कुछ श्रव्य उपकरण [[रेडियो फ़्रीक्वेन्सी हस्तक्षेप]] (RFI) के प्रति संवेदनशील होते हैं, जिसे इन श्रव्य उपकरणों के अतिरिक्त परिरक्षण या बाइ-पास संधारित्र के प्रयोग से काफ़ी कम किया जा सकता है। तथापि, ऐसा करने में होने वाली भारी लागत, किसी भी डिज़ाइनर के लिए इसके औचित्य को सिद्ध करना मुश्किल कर देती है।<ref>{{cite web | title = Managing Noise in Cell-Phone Handsets | publisher = Maxim Integrated Products | date =
PA, तार रहित माइक्रोफोन, घरेलू म्यूज़िक सिस्टम, टेलीविजन, कंप्यूटर, बेतार फ़ोन और व्यक्तिगत संगीत उपकरणों से डिट, डिट-डिट, डिट डिट-डिट, की ध्वनि निकालने के लिए नज़दीकी GSM हैंडसेट द्वारा प्रेरित किया जाना एक आम घटना है। जब ये ऑडियो उपकरण GSM हैंडसेट के [[निकट और दूर क्षेत्र|निकट क्षेत्र]] में रहते हैं, तो रेडियो संकेत इतने मज़बूत होते हैं कि ठोस प्रवर्द्धक श्रव्य श्रृंखला में एक [[संसूचक (रेडियो)|संसूचक]] का कार्य करते है। क्लिक् की ध्वनि ही शक्ति-विस्फोट की द्योतक है, जो [[समय विभाजन बहु अभिगम|TDMA]] सिग्नल की संवाहक है। ये संकेत कार के स्टीरियो या पोर्टेबल ऑडियो प्लेयर जैसे अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से हस्तक्षेप के लिए जाने जाते हैं। यह हैंडसेट के डिज़ाइन और इसका US निकाय FCC द्वारा बनाए गए कड़े नियम और विनियमों द्वारा भाग 15 में इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के साथ हस्तक्षेप के नियम और विनियमों के अनुरूप होने पर भी निर्भर करता है।
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GSM ने 5.6 तथा 13 kbit/s के बीच ध्वनि को संकुचित करने के लिए कई प्रकार के ध्वनि [[कोडेक]] का इस्तेमाल किया है। मूलतः दो कोडेक, यथा [[अर्द्ध दर]] (5.6 kbit/s) और [[पूर्ण दर]] (13 kbit/s) का प्रयोग हुआ है, जिनका नामकरण उन्हें आबंटित डाटा चैनल प्रकार के आधार पर हुआ है। इनमें एक ऐसी प्रणाली का प्रयोग हुआ है, जो [[रेखीय पूर्वकथनीय कोडिंग]] (LPC) पर आधारित होती है। बिटरेट के प्रति प्रभावी होने के अलावा इन कोडेकों ने ध्वनि के अधिक महत्वपूर्ण हिस्सों को पहचानना काफ़ी आसान कर दिया है, जिससे वायु अंतराफलक परत के लिए इन संकेतों को रक्षित करना और प्राथमिकता देना आसान हो गया है।
GSM को 1997<ref>{{cite web |url=http://www.3gpp.org/ftp/Specs/archive/06_series/06.51/0651-401.zip |publisher=ETSI |title=GSM 06.51 version 4.0.1 |date=December 1997 |format=ZIP |accessdate=5 सितंबर 2007
=== नेटवर्क संरचना ===
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