"बैताल पचीसी": अवतरणों में अंतर

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== परिचय ==
बैताल पचीसी की कहानियाँ भारत की सबसे लोकप्रिय कथाओं में से हैं। इनका स्रोत राजा सातवाहन के मन्त्री “[[गुणाढ्य]]” द्वारा रचित “बड कहा” (संस्कृत: ''[[बृहत्कथा]]'') नामक ग्रन्थ को दिया जाता है जिसकी रचना ई. पूर्व ४९५ में हुई थी। कहा जाता है कि यह किसी पुरानी प्राकृत में लिखा गया था और इसमे ७ लाख छन्द थे। आज इसका कोई भी अंश कहीं भी प्राप्त नहीं है। कश्मीर के कवि [[सोमदेव]] ने इसको फिर से संस्कृत में लिखा और [[कथासरित्सागर]] नाम दिया। बड़कहा की अधिकतम कहानियों को कथा सरित्सागर में संकलित कर दिए जाने के कारण ये आज भी हमारे पास हैं। “वेताल पन्चविन्शति” यानी [http://hindikathasagar.com/category/betaal-pachisi/ बेताल पच्चीसी] “कथा सरित सागर” का ही भाग है। समय के साथ इन कथाओं की प्रसिद्धि अनेक देशों में पहुँची और इन कथाओं का बहुत सी भाषाओं में अनुवाद हुआ। बेताल के द्वारा सुनाई गई यो रोचक कहानियाँ सिर्फ़ दिल बहलाने के लिये नहीं हैं, इनमें अनेक गूढ अर्थ छिपे हैं। क्या सही है और क्या गलत, इसको यदि हम ठीक से समझ ले तो सभी प्रशासक राजा विक्रम कि तरह न्याय प्रिय बन सकेंगे और छल व द्वेष छोडकर, कर्म और धर्म की राह पर चल सकेंगे। इस प्रकार ये कहानियाँ न्याय, राजनीति और विषण परिस्थितियों में सही निर्णय लेने की क्षमता का विकास करती हैं।
 
== इन्हें भी देखें ==
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* [https://wikisource.org/wiki/बेताल_पच्चीसी बेताल पच्चीसी] (विकिस्रोत) (हिन्दी में)
* [https://www.gyanchowk.com/baital-pachisi-stories-in-hindi/ बैताल पच्चीसी के कहानियों का हिन्दी संकलन]
*[https://www.44books.com/betal-pachchisi-hindi-book-free-download.html बेताल पच्चीसी हिंदी पीडीऍफ़]
 
[[श्रेणी:साहित्य]]