"ऑस्ट्रेलिया": अवतरणों में अंतर

No edit summary
infro from http://www.abc.net.au/ - to be wikified
पंक्ति 49:
 
सम्पूर्ण देश में दुनिया भर के प्रसिद्ध विशाल और खुले क्षेत्र होने के बावजूद भी यहाँ के ८० प्रतिशत लोग नगरीय इलाकों में बसे हैं।
 
२१वीं सदी में विभिन्न सभ्यताओं के लोगों के मिलन से बनी आस्ट्रेलिया की वर्तमान जनता इस महाद्वीप के इतिहास से बिल्कुल अलग है।
 
अनुमान है कि आस्ट्रेलिया के सबसे पहले निवासियों का आगमन लगभग ५०,००० वर्ष पहले दक्षिणी पूर्व ऐशिया से हुआ था। यह लोग मुख्यता मूलनिवासी एवं टोरस स्टरेट द्वीप निवासी थे।
 
१७८८ के बाद ब्रिटिश राज के उपनिवेशकों ने इन मूलनिवासियों को बेदखल कर दिया। इसके उपरान्त यह निराश एवं बिखरे हुए लोग आस्ट्रेलिया के अल्पसंख्य वर्ग कहलाने लगे।
 
१९६० के बाद से आस्ट्रेलियाई सरकार ने मूलनिवासी सभ्यताओं के अद्वितीय रूप को मान्यता प्रदान की तथा कुछ ऐसी नीतियों के गठन का प्रयत्न किया जो इन लोगों को आस्ट्रेलिया के नए रूप के समाज से जोड़ सके।
 
पिछले कुछ वर्षों में भूमि अधिकार कानूनों जैसे कई कदम इन मूलनिवासियों के हित में उठाए गए हैं। परन्तु ४,३०,००० की मूलनिवासी जनसंख्या अभी भी अन्य आस्ट्रेलियाई लोगों की तुलना में कई क्षेत्रों में सामान्यता से वंचित है। अन्य वर्गों की तुलना में मूलनिवासी शिशुओं में मृतकों की संख्या अधिक है और जनसंख्या की जीवन प्रत्याशा कम होने के साथ साथ यह वर्ग बेरोज़गारी की समस्या का भी सामना कर रहा है।
 
उपनिवेशण के १५० साल बाद आस्ट्रेलिया की जनसंख्या में बढ़ोत्री ब्रिटिश उपनिवेशों से ही हुई है। खेती और व्यापार का विकास युरोपियन तरीक़ों से किया गया है। राजनैतिक सुधारों के कारण देश के सभी सदस्यों को मताधिकार तथा श्रमिक संघ गठित करने का भी अधिकार दिया गया है। यह निर्णय समान अधिकार एवं अवसर प्रदान करने की मज़बूत राजनैतिक परम्परा पर आधारित हैं।
 
परन्तु यह परम्परा ज़्यादा दिनों तक न चल सकी। ब्रिटेन ने अपने छः उपनिवेशों को १९०१ में संघीय बना कर 'आस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल' का नाम दिया। इस घोषणा के उपरान्त आने वाली सभी संघीय सरकारों ने रंग और नस्ल के आधार पर 'वाईट आस्ट्रेलिया' की नीति का चयन किया। इस नीति के अनुसार युरोप के निवासियों के अतिरिक्त अन्य सभी नस्ल के लोगों पर आस्ट्रेलिया में अप्रवासन पर प्रतिबंध लगा दिया। परन्तु इस नीति का अंत १९७३ में कर दिया गया।
 
द्वितीय महायुद्ध के उपरान्त लागू हुई अप्रवासन योजना का आस्ट्रेलिया की अंग्रेज़ी सभ्यता पर गहरा असर पड़ा। युरोप एवं मध्य पूर्व देशों से कई लोगों ने आस्ट्रेलिया को अपना घर बना लिया और इस कारणवश आज आस्ट्रेलिया में अनेक प्रकार के लोग पाए जाते हैं।
 
बीसवीं सदी के पचास एवं साठ के दशकों में २० लाख लोगों ने आस्ट्रेलिया में प्रवासन किया। सन् १९६९ में १,८५,००० लोगों की सबसे अधिक संख्या में लोग यहाँ पर आ बसे। इटली, ग्रीस, मालटा, भूतपूर्व युगोसलाविया और तुर्की से प्रवासित हुए लोग शहरों में बस गए।
 
जहाँ १९७० के दशक में अप्रवासन में कमी हुई वहीं चिली, साएप्रस, लेबानन, वियतनाम और वियतनाम के युद्ध के उपरान्त इंडोचाईना और थाएलैंड से आने वाले शर्णार्थियों की संख्या में अत्यन्त बढ़ोत्री हुई।
 
आज आस्ट्रेलिया में बसी २४ प्रतिशत जनसंख्या या फिर चार में से हर एक आस्ट्रेलियाई नागरिक ऐसा है जिसका जन्म किसी और देश में हुआ है।
 
आप्रवासियों की नव पीढ़ियों की आस्ट्रेलिया में सफलता
 
आज सभी प्रमुख राजनैतिक दल बहुसंस्कृति और मज़बूत अप्रवासन नीतियों को बढ़ावा देते हैं। वर्तमान नीति के अनुसार दो प्रकार के प्रार्थी होते हैं, एक जो परिवार सहित अपनी निपुणता के बल पर प्रवासन करना चाहते हैं और दूसरे जो मानवीय आवश्यकता के आधार पर या शर्णार्थी के रूप में आस्ट्रेलिया आना चाहते हैं।
 
सरकार निपुण आप्रवासियों को प्राथमिकता देती है जो सम्पूर्ण देश एवं यहाँ के प्रांतों की अर्थ व्यवस्था के सुधार में अपना योगदान देने में समर्थ हों।
 
 
Line 72 ⟶ 100:
[[sv:Australien]]
[[zh:澳大利亚]]
 
{{stub}}