"आमेर दुर्ग": अवतरणों में अंतर
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====== गणेश पोल ======
:अगला द्वार है गणेश पोल, जिसका नाम हिन्दू भगवान [[गणेश]] पर है। भगवान [[गणेश]] विघ्नहर्ता माने जाते हैं और प्रथम पूज्य भी हैं, अतः महाराजा के निजी महल का प्रारम्भ यहां से होने पर यहां उनकी प्रतिमा स्थापित है। यह एक त्रि-स्तरीय इमारत है जिसका अलंकरण मिर्ज़ा राजा जय सिंह (१६२१-१६२७ ई॰) के आदेशानुसार किया गया था। इस द्वार के ऊपर सुहाग मन्दिर है, जहां से राजवंश की महिलायें दीवान-ए-आम में आयोजित हो रहे समारोहों आदि का दर्शन झरोखों से किया करती थीं। <ref name="Jaleb1">{{Cite web|url=http://commons.wikimedia.org/wiki/File:Amer_Fort_-_Ganesh_Pol_-_Information_plate.jpg |title= गणेश पोल पर सूचनापट्ट [Information plaque on Ganesh Pol] |accessdate= १७ अप्रैल २०११ |publisher= पुरातत्त्व विभाग, राजस्थान सरकार }}{{dead link|date=
===शिला देवी मन्दिर ===
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चौथे प्रांगण में राजपरिवार की महिलायें (जनाना) निवास करती थीं। इनके अलावा रानियों की दासियाँ तथा यदि हों तो राजा की उपस्त्रियाँ (अर्थात रखैल) भी यहीं निवास किया करती थीं। इस प्रभाग में बहुत से निवास कक्ष हैं जिनमें प्रत्येक में एक-एक रानी रहती थीं, एवं राजा अपनी रुचि अनुसार प्रतिदिन किसी एक के यहाँ आते थे, किन्तु अन्य रानियों को इसकी भनक तक नहीं लगती थी कि राजा कब और किसके यहाँ पधारे हैं। सभी कक्ष एक ही गलियारे में खुलते थे।<ref name="BrownThomas2008"/>
महल के इसी भाग में राजमाता एवं राजा की पटरानी जनानी ड्योढ़ी में रहती थीं। उनकी दासियाँ व बांदियां भी यहीं निवास करती थीं। राजमाताएं आमेर नगर में मन्दिर बनवाने में विशेष रुचि दिखाती थीं।<ref name=Deorhi>{{Cite web|url=http://commons.wikimedia.org/wiki/File:Amer_Fort_-_Zenani_Deorhi_-_Information_plate.jpg |title= जनानी ड्योढ़ी पर सूचना पट्ट [Information plaque on Zenani Deorhi] |accessdate= १७ अप्रैल २०११ |publisher= पुरा. विभाग, राज. सरकार }}{{dead link|date=
यहाँ जस मन्दिर नाम से एक निजी कक्ष भी है, जिसमें कांच के फ़ूलों की महीन कारीगरी की सजावट है एवं इसके अलावा इसमें [[:w:alabaster|सिलखड़ी]] या संगमर्मरी खड़िया (प्लास्टर ऑफ़ पैरिस) की उभरी हुई उत्कृष्ट नक्काशी कार्य की सज्जा भी है।<ref name="BruynBain2010"/>
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