"बाबरी मस्जिद": अवतरणों में अंतर

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→‎हिंदू व्याख्या: महाराणा संग्राम सिंह और बाबर के युद्ध की सही जानकारी जोड़ी गयी।
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=== हिंदू व्याख्या ===
 
1527 में [[फरगना]] से जब मुस्लिम सम्राट [[बाबर]] आया तो उसने पानीपत में इब्राहिम लोधी को हराया उसके बाद उसने भारत पर अपना साम्राज्य विस्तार तथा स्थापना की मंशा से भारत में रुकने का निश्चय किया परंतु उसके सामने एक और परेशानी थी वे थे राजस्थान[[राजपुताना]] के मेवाड़ के महाराणा संग्राम सिंह थे तथा उस क्रूर अत्याचारी को रोकने के लिए महाराणा सांगा ने अपने एक टूटे हाथ,एक लंगड़े पाँव एवं एक आँख से अँधा होते हुए भी उससे लोहा लेने का निश्चय किया। जिसके फलस्वरूप महाराण सांग ने बाबर को बयाना के युद्ध में बाबर को युद्ध भूमि से पीछे हटने को मजबूर कर दिया एवं बुरी तरह हराया तथा बाबर फिर महीनो तक पलट कर नही आया और राणा सांगा को हराने के लिए योजना बनाता रहा इधर राणा सांगा ने भी 1 लाख की सेना छोटे बड़े रजवाडो को एकत्रित करके तत्तपर थे बाबर से युद्ध को तथा फिर खानवा के युद्ध में दोनों के बीच संग्राम छिड़ गया जिसमें बाबर के पास अत्याधुनिक शास्त्र थे जैसे बारूदी तोप जिसके होते हुए भी राजपुतो ने बाबर को असमंजस में डाल दिया एवं उसकी सेना युद्धभूमि छोड़कर भागने लगी तथा उसी समय बाबर की तोपो ने आग उगलना प्रारंभ कर दिया फिर भी शूर वीर रजपुतो ने उसकी तोप को अपने खांडा[[तलवार]],कटार तीरों तथा अपने बाहुबल से कब्जे में लेलिया ।इसी बीच महाराणा को युद्ध में चल रहे तिरो में से एक तीर आ लगा जिससे वे अपने हाथी से गिर पड़े और मूर्छित हो गए तथा उन्हें अपने विस्वास पात्रो द्वारा युद्ध से बहार ले जाया गया और उनका मुकुट वीर अज्ज़ा जी झाला द्वारा पहन लिया गया जिससे सेना में अपने राजा के युद्ध भूमि में न होने से भय न हो। परंतु इसके फल स्वरुप रजपुतो की नेतृत्व क्षमता में कमी आयी और बाबर उस युद्ध में सिर्फ चितौड़गढ़ किले को जीतने में सफल रहा। तथा इसी प्रकार तुर्क बाबर ने [[चित्तौड़गढ़]] के हिंदू राजा [[महाराणा सांगा|राणा संग्राम सिंह]] से [[तोपखाना|तोपखाने]] और गोला-बारूद का इस्तेमाल करके इस भयंकर युद्ध को अंजाम दिया।व् चित्तोड़गढ़ की इस जीत के बाद, बाबर ने उस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया, उसने अपने सेनापति [[मीर बाकी]] को वहां का सूबेदार बना दिया।
1527 में [[फरगना]] से जब मुस्लिम सम्राट [[बाबर]] आया तो उसने सिकरी में [[चित्तौड़गढ़]] के हिंदू राजा [[महाराणा सांगा|राणा संग्राम सिंह]] को [[तोपखाना|तोपखाने]] और गोला-बारूद का इस्तेमाल करके हराया। इस जीत के बाद, बाबर ने उस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया, उसने अपने सेनापति [[मीर बाकी]] को वहां का सूबेदार बना दिया।
 
मीर बाकी ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद का निर्माण कर इसका नामकरण सम्राट बाबर के नाम पर किया।<ref name="britannicamosjid">{{cite web|url=http://www.britannica.com/EBchecked/topic/47510/Babri-Mosjid|title=बाबरी मस्जिद -- ब्रिटानिका ऑनलाइन इन्साइक्लोपीडिया|work=इन्साइक्लोपीडिया|publisher=[[इन्साइक्लोपीडिया ब्रिटानिका]]|accessdate=2008-07-02}}</ref> बाबर के रोजनामचा [[बाबरनामा]] में वहां किसी नई मस्जिद का जिक्र नहीं है, हालांकि रोजमानचे में उस अवधि से संबंद्ध पन्ने गायब हैं। समकालीन तारीख-ए-बाबरी कहता है कि बाबर की सेना ने "चंदेरी में बहुत सारे हिंदू मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था।"<ref>[http://books.google.com/books?id=wVr_f_gXOX4C&amp;pg=PA52&amp;lpg=PA53&amp;ots=_TuYAM7vax&amp;dq=%22demolished+many+Hindu+temples+at+Chanderi%22 शर्मा, मुगल सम्राटों के धार्मिक नीति, पृष्ठ 9]</ref>