"निम्बार्काचार्य": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) |
||
पंक्ति 24:
आकाशवाणी सुनकर ऋषि-मुनि सब अपने आश्रमों को लौट आये। भगवान् ने श्रीसुदर्शन को आज्ञा प्रदान की- हे सुदर्शन ! भागवत धर्म के प्रचार-प्रसार में कुछ काल से शिथिलता आरही है, अतः सुमेरु पर्वत के दक्षिण में तैलंग देश में अवतीर्ण होकर आप निवृत्ति-लक्षण भागवत धर्म का प्रचार-प्रसार कीजिये। [[मथुरा]] मण्डल, [[नैमिषारण्य]], [[द्वारका]] आदि मेरे प्रिय धामों में निवास कीजिये। भगवान् के आदेश को शिरोधार्य करके तैलंगदेशीय सुदर्शनाश्रम में भृगुवंशीय अरुण ऋषि की घर्मपत्नी श्रीजयन्तीदेवी जी के उदर से कार्तिक शुक्ल १५ को सायंकाल निम्बकाचार्य का अवतार हुआ।
==ग्रन्थ सम्पदा==
|