"कच्चे धागे (1973 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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'''कच्चे धागे''' 1973 में बनी [[हिन्दी भाषा]] की फिल्म है।
== संक्षेप ==
ठाकुर बहादुर सिंह (देव कुमार) को तुलसीराम पुलिस के हवाले कर देता है। अदालत उसे फांसी की सजा सुना देती है, जिससे उसकी गर्भवती पत्नी विधवा हो जाती है। वो कसम खाती है कि वो अपने बच्चे को बड़ा करेगी और उसे तुलसीराम को किसी भी कीमत पर खत्म करने को कहेगी। उसका एक बेटा होता है, जिसका नाम वो लखन रखती है। वो बड़े होकर तुलसीराम को मार देता है। अपने पिता की मौत की खबर सुन कर सेना में काम करने वाला रूपा अपने पद से इस्तीफा दे देता है और लखन को मारने की कसम खाता है। उन दोनों की दुश्मनी से बेखबर सोना नाम की एक लड़की का उन दोनों की जिंदगी में प्रवेश होता है। वो दोनों ही उस लड़की से प्यार करने लगते हैं। जब उन्हें पता चलता है कि वे दोनों ही सोना से प्यार करते हैं तो वे फिर से अपनी मरने-मारने वाली दुश्मनी पर आ जाते हैं।
 
== मुख्य कलाकार ==