"कनिष्क": अवतरणों में अंतर
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→वंशावली: अलेक्जेंडर कनिंघम ने आधुनिक गुजराती के साथ आर्केलोगिकल सर्वेक्षण रिपोर्ट, वॉल्यूम IV, 1864 में कुषाणों की पहचान की है। इस धारणा के पक्ष में, ऐसा कहा जाता है कि आधुनिक गुज्जर, जाति जनजाति कुषाण के प्रतिनिधि हैं। टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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कनिष्क [[युएझ़ी]] नस्ल का [[कुषाण]] था। उसकी स्थानीय भाषा अभी अज्ञात है। उसके [[रबातक शिलालेख|रबातक शिलालेखों]] में [[यूनानी लिपि]] का प्रयोग उस भाषा को लिखने के लिये किया गया है, जिसे [[आर्य]] ([[यूनानी भाषा|यूनानी]]:αρια) कहा गया है, जो कि [[एरियाना]] (आधुनिक [[अफ़गानिस्तान]], ईरान व उज़बेकिस्तान) की मूल भाषा बाख़्त्री का ही एक रूप है। यह एक [[मध्यकालीन]] पूर्वी ईरानियाई भाषा थी।<ref>Gnoli (2002), pp. 84–90.</ref> वैसे इस भाषा का प्रयोग कुषाणों द्वारा स्थानीय लोगों से सम्पर्क करने हेतु किया जाता होगा। कुषाण लोगों के कुलीन लोग किस भाषा विशेष का प्रयोग करते थे, ये अभी निश्चित नहीं है। यदि कुषाण एवं/या युएज़ी लोगों को [[तरीम बेसिन]] के अग्नि कुची (टॉर्चेरियाई) लोगों को जोड़ती विवादास्पद बातें सही हों, तो कनिष्क द्वारा टॉर्चेरियाई लोगों की भाषा – जो एक चेण्टम [[इण्डो-यूरोपियाई]] भाषा थी, बोली जाती रही होगी। (जहां अन्य ईरानियाई भाषाएं जैसे बैक्टीरियाई सेण्टम भाषाएं कहलाती हैं।)
कनिष्क विम कडफिसेस का उत्तराधिकारी था, जैसा [[रबातक शिलालेख|रबातक शिलालेखों]] में कुषाण राजाओं की प्रभावशाली वंशावली द्वारा दृश्य है।<ref>Sims-Williams and Cribb (1995/6), pp.75–142.</ref><ref>Sims-Williams (1998), pp. 79–83.</ref> कनिष्क का अन्य कुषाण राजाओं से संबन्ध राबातक शिलालेखों में बताया गया है, इसी से कनिष्क के समय तक की वंशावली ज्ञात होती है।
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