Dr Kaushal Kumar Patthak
Dr Kaushal Kumar Patthak 29 नवम्बर 2018 से सदस्य हैं
Content deleted Content added
पोस्ट को बढ़ाया है आधारभूत । टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
गलत spellings ठीक की टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 4:
उसकाल में जो आम-बोलचाल की भारतीय उपमहादीप की उत्तरभारत में बोली जाने वाली भाषाएं प्राचीन प्राकृत थीं ,उनमें गोतम बुुद्ध ने अपनी अनुुुभव आधारित सिक्खाओं(शिक्षाओं) को अपने सेक्ख-अनुचरों ( शिष्य्यों) को सिखाया । जिसे बुुद्धमुख से पाये जाने कारण "पालि" कहा जाने लगा ।
🌺आज के समय मे लोग पालि शब्द को ही भासा(भाषा) कहने लगे हैं क्योंकि भगवा बुद्ध के वचन ८२००० हैं एवं २००० वचन उनके अरहत शिष्यों के हैं ,जो कुल ८४००० वचन यानि सुत्त (stanzas) हैं जिन्हें भगवा के मुख से अनुमोदित (varified) कहा जाता है थेरवाद (यानि भगवा गोतम बुद्ध के live शिष्यों द्वारा चलाया पन्थ) द्वारा ऐसे के ऐसे पथम/पठम (प्रथम संस्कृ०) भिक्खु सम्मेलन द्वारा अनुमोदित हैं जहां भगवान गोतम बुद्ध के परिचारक भन्ते! आनन्द मौजूद थे जिन्हें वे ८४००० ही नहीं वरन अन्य जो सेक्ख (learnings)भगवा
|