"अमर अकबर अ‍ॅन्थनी": अवतरणों में अंतर

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'''अमर अकबर अ‍ॅन्थनी''' 1977 में बनी [[हिन्दी भाषा]] की फिल्म है।
== संक्षेप ==
किशनलाल कई सालों के बाद जेल से छूटता है। कई साल पहले वो रोबर्ट के यहाँ गाड़ी चलाने का काम करता था, पर एक दिन रोबर्ट किसी को गाड़ी से उड़ा देता है और वो किशन से गुनाह अपने सर लेने को कहता है और बदले में उसके परिवार की देखरेख करने का वचन देता है। लेकिन जब किशनलाल जेल से छूटकर आता है तो उसे पता चलता है कि उसकी पत्नी और उसके तीन बच्चों का बहुत बुरा हाल है। वो रोबर्ट से मदद मांगने जाता है, पर वो उसे बेइज्जत कर अपने आदमियों को उसे मारने का आदेश दे देता है। किसी तरह किशन वहाँ से कार लेकर निकल जाता है, उस कार में सोना भरा हुआ होता है।
 
किशनलाल जब अपने घर आता है तो उसे अपनी बीवी नहीं, बल्कि ख़ुदकुशी का जिक्र किया एक कागज दिखता है। वो 15 अगस्त के दिन जब गुंडे उसका पीछा करते रहते हैं, तब वो अपने तीन बच्चों को महात्मा गांधी के मूर्ति के पास रख कर गुंडों को अपने ओर ले जाता है। उसकी गाड़ी की टक्कर हो जाती है और पुलिस के अनुसार किशनलाल अब मर चुका है। हालांकि अब तक वो जीवित है, लेकिन उसके आने से पहले ही उसके बच्चों को तीन अलग अलग लोग गोद ले लेते हैं। वहीं भारती ख़ुदकुशी करते रहती है, वो भी नाकाम रहती है और अपनी आँखों की रोशनी खो बैठती है।
 
;कुछ साल बाद
उन तीनों बच्चों में से सबसे बड़ा बेटा, अमर खन्ना अब पुलिस अफसर बन चुका है। उनका दूसरा बेटा एंथोनी गोनसालवेस शराब का व्यापारी है, और सबसे छोटा बेटा, अकबर इलाहाबादी कवाली गायक है, जिसे एक डॉक्टर सलमा अली से प्यार हो जाता है। वे तीनों एक दिन सड़क दुर्घटना में घायल एक औरत की जान बचाने के लिए खून देते हैं। वे तीनों इस बात से अनजान रहते हैं कि वो उनकी माँ, भारती है, जो फूल बेचने का काम करते रहती है।
 
== मुख्य कलाकार ==