"लालबहादुर शास्त्री": अवतरणों में अंतर

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== रहस्यपूर्ण मृत्यु ==
[[चित्र:Mumbai Shastri statue.jpg|thumb|right|200px|[[मुंबई]] में शास्त्रीजी की आदमकद प्रतिमा]]
पाकिस्तान के आक्रमण का सामना करते हुए भारतीय सेना ने लाहौर पर धाबा बोल दिया। इस अप्रत्याशित आक्रमण को देख अमेरिका ने लाहौर में रह रहे अमेरिकी नागरिकों को निकालने के लिए कुछ समय के लिए युद्धविराम की मांग की। रूस और अमेरिका के चहलकदमी के बाद भारत के प्रधानमंत्री को रूस के ताशकंद समझौता में बुलाया गया। [https://indianelection2019.news/lal-bahadur-shastri-karykaal/ शास्त्री जी]<ref>{{Cite web|url=https://indianelection2019.news/lal-bahadur-shastri-karykaal/|title=शास्त्रीIndian जीElection 2019|last=Ji|first=Shastri|date=|website=Indian Election 2019|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref> ने ताशकंद समझौते की हर शर्तों को मंजूर कर लिया मगर पाकिस्तान जीते इलाकों को लौटाना हरगिज स्वीकार नहीं था। अंतर्राष्ट्रीय दवाब में शास्त्री जी को ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करना पड़ा पर लाल बहादुर शास्त्री ने खुद  प्रधानमंत्री कार्यकाल में इस जमीन को वापस करने से इंकार कर दिया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब खान के साथ युद्ध विराम पर हस्ताक्षर करने के कुछ घंटे बाद ही भारत देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का संदिग्ध निधन हो गया। 11 जनवरी 1966 की रात देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री की मृत्यु हो गई।
 
[[ताशकन्द|ताशकन्द समझौते]] पर हस्ताक्षर करने के बाद उसी रात उनकी मृत्यु हो गयी। मृत्यु का कारण हार्ट अटैक बताया गया। शास्त्रीजी की [[अंत्येष्टि|अन्त्येष्टि]] पूरे राजकीय सम्मान के साथ शान्तिवन (नेहरू जी की समाधि) के आगे [[यमुना]] किनारे की गयी और उस स्थल को [[विजय घाट]] नाम दिया गया। जब तक कांग्रेस संसदीय दल ने [[इंदिरा गांधी|इन्दिरा गान्धी]] को शास्त्री का विधिवत उत्तराधिकारी नहीं चुन लिया, [[गुलजारीलाल नंदा|गुलजारी लाल नन्दा]] कार्यवाहक प्रधानमन्त्री रहे।<ref name="IPD">{{cite book|title=Indian Parliamentary Democracy|pages=121|author=U.N. Gupta|publisher=Atlantic Publishers & Distributors|year=2003|isbn=8126901934}}</ref>