"मिस्टर इंडिया (1987 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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पैसों की समस्या से परेशान अरुण अपने घर का पहला मंज़िल किराये में देने की सोचता है और अखबार में विज्ञापन दे देता है। उस विज्ञापन को देख कर सीमा सोनी ([[श्रीदेवी]]) रहने आ जाती है। सीमा पेशे से एक पत्रकार है, जो रहने के लिए एक शांत जगह चाहते रहती है। पर किराये के पैसे देने के बाद उसे पता चलता है कि उस घर में ढेर सारे बच्चे रहते हैं, और इस बात पर उसकी अरुण के साथ बहस भी होती है। बाद में वे सभी काफी अच्छे दोस्त बन जाते हैं। अरुण दिल ही दिल में उससे प्यार करने लगता है।
 
एक दिन अरुण को उसके पिता के दोस्त, डॉ॰ सिन्हा (अशोक कुमार) का खत मिलता है। जिसमें उसके पिता के द्वारा बनाए गैजेट का जिक्र रहता है। वो जुगल के साथ उनके घर जाता है। उसे घर में एक गैजेट मिलता है। उसे पता चलता है कि वो उस गैजेट की मदद से गायब हो सकता है, बस उस गैजेट से वो लाल रोशनी में ही दिखाई दे सकता है। वे दोनों इसे सभी से छुपाकर रखने का फैसला करते हैं।
 
कुछ महीने बाद सीमा को अचानक पता चलता है कि दागा (शरत सक्सेना) और तेजा (अजित वचनी) एक पार्टी का आयोजन किए हैं, वो उस पार्टी में एक हवाई की नाचने वाली बन कर आ जाती है, पर उसे जासूसी के शक में वे लोग उसे पकड़ लेते हैं। अरुण उसे बचाने के लिए गायब हो कर आ जाता है और अपने आप को "मिस्टर इंडिया" कह कर अपना परिचय देता है। वो सीमा को कैद से छुड़ा लेता है और सीमा को उससे प्यार हो जाता है। अरुण अपनी पहचान सभी से छुपाए ही रखता है कि वही मिस्टर इंडिया है।
 
== मुख्य कलाकार ==