"समाजवाद": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
छो 2405:205:A0A6:74FC:0:0:1C5E:38A5 (Talk) के संपादनों को हटाकर संजीव कुमार के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
||
पंक्ति 1:
'''समाजवाद''' (Socialism) एक आर्थिक-सामाजिक [[दर्शन]] है। समाजवादी व्यवस्था में धन-सम्पत्ति का स्वामित्व और वितरण समाज के नियन्त्रण के अधीन रहते हैं। आर्थिक, सामाजिक और वैचारिक प्रत्यय के तौर पर समाजवाद निजी सम्पत्ति पर आधारित अधिकारों का विरोध करता है। उसकी एक बुनियादी प्रतिज्ञा यह भी है कि सम्पदा का उत्पादन
ब्रिटिश राजनीतिक विज्ञानी [[हेराल्ड लास्की|हैरॉल्ड लॉस्की]] ने कभी समाजवाद को एक ऐसी टोपी कहा था जिसे कोई भी अपने अनुसार पहन लेता है। समाजवाद की विभिन्न किस्में लॉस्की के इस चित्रण को काफी सीमा तक रूपायित करती है। समाजवाद की एक किस्म विघटित हो चुके सोवियत संघ के सर्वसत्तावादी नियंत्रण में चरितार्थ होती है जिसमें मानवीय जीवन के हर सम्भव पहलू को राज्य के नियंत्रण में लाने का आग्रह किया गया था। उसकी दूसरी किस्म राज्य को [[अर्थव्यवस्था]] के नियमन द्वारा कल्याणकारी भूमिका निभाने का मंत्र देती है। [[भारत]] में समाजवाद की एक अलग किस्म के सूत्रीकरण की कोशिश की गयी है। [[राममनोहर लोहिया]], [[जय प्रकाश नारायण]] और [[नरेन्द्र देव]] के राजनीतिक चिंतन और व्यवहार से निकलने वाले प्रत्यय को 'गाँधीवादी समाजवाद' की संज्ञा दी जाती है।
|