"मोहब्बतें": अवतरणों में अंतर

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| starring = [[अमिताभ बच्चन]], <br />[[शाहरुख़ ख़ान]], <br />[[ऐश्वर्या राय]], <br />[[जिमी शेरगिल]], <br />[[उदय चोपड़ा]], <br />[[प्रीति झंगियानी]], <br />[[शमिता शेट्टी]]
| screenplay =
| cinematography = मनमोहन सिंह
| editing = वी.वी. कार्निक<br />सिंह तरनजीत
| distributor = [[यश राज फिल्म्स]]
| released = 27 अक्टूबर 2000
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== संक्षेप ==
नारायण शंकर ([[अमिताभ बच्चन]]) एक प्रतिष्ठित लड़कों के विश्वविद्यालय, गुरुकुल का सख्त हेडमास्टर है। नारायण परंपराओं और अनुशासन पर जोर देकर अपने छात्रों को पढ़ाना अच्छा मानते हैं। उन्होंने अपने छात्रों को किसी भी तरह के रोमांसप्रेम-प्रसंग से भी मना कर दिया है - जो भी ऐसा करता पाया जाता है उसे निष्कासित कर दिया जाता है।
 
यह फिल्म विशेष रूप से स्कूल के तीन छात्रों पर केंद्रितकेन्द्रित है: समीर ([[जुगल हंसराज]]), विकी ([[उदय चोपड़ा]]) और करण ([[जिमी शेरगिल]]) जो सभी प्यार में पड़ते हैं। समीर संजना ([[किम शर्मा]]), उसके बचपन की दोस्त के साथ प्यार में है जिसका पहले से ही एक स्थिर प्रेमी है। विकी इशिका ([[शमिता शेट्टी]]) के प्यार में पड़ता है, जो गुरुकुल के पास लड़कियों की यूनिवर्सिटी की छात्र है। करण किरन ([[प्रीति झंगियानी]]) की ओर आकर्षित है जो कि एक विधवा है (पहले से ही एक पायलट से विवाहित है जिसे मृत माना जाता है)।
 
इन तीनों को पता है कि अगर वे पकड़े जाते हैं तो उन्हें निष्कासित कर दिया जाएगा, इसलिए वे अपने प्यार का पीछा नहीं करते हैं लेकिन खाली समय में इसके बारे में याद करते हैं। इसके बाद राज आर्यन ([[शाहरुख खान]]) आतेआता हैंहै जिसका संगीत शिक्षक के रूप में गुरुकुल में स्वागत होता है। दोस्ताना और प्यार की शक्ति में मजबूत विश्वास रखने वाला राज कई स्थिति को चुनौती देता है। धीरे-धीरे, वह उन परिवर्तनों को प्रस्तुत करता है जो प्रिंसिपल नारायण नापसंद करते हैं। वह उन्हें बताकर प्रेरित करता है कि उनके पास भी उसका विशेष प्यार है, मेघा ([[ऐश्वर्या राय]]) जो मर चुकी है। लेकिन वह उसे प्यार करता है और कल्पना करता है कि वह अब भी उसके साथ में है। राज ने लड़कों को अपने प्यार के प्रति वफादार रहने के लिए प्रोत्साहित किया।
# समीर ([[किम शर्मा]]), उसके बचपन की दोस्त के साथ प्यार में है जिसका पहले से ही एक स्थिर प्रेमी है।
# विकी इशिका ([[शमिता शेट्टी]]) के प्यार में पड़ता है, जो गुरुकुल के पास लड़कियों की यूनिवर्सिटी की छात्र है।
# करण किरन ([[प्रीति झंगियानी]]) से आकर्षित है जो कि एक विधवा है (पहले से ही एक पायलट से विवाहित है जिसे मृत माना जाता है)।
 
एक दिन राज आर्यन पूरे गुरुकुल में प्यार फैलाने के लिए एक पार्टी रखता है, जिसमें वो सारी कॉलेज की सारी लड़कियों को भी बुलाता है। नारायण उस पार्टी में आ जाता है और उसे बंद करा देता है। इसके बाद वो राज आर्यन पर गुस्सा हो जाता है और उसे नौकरी से निकाल देता है। इसके बाद राज आर्यन उसे बताता है कि वो भी इसी गुरुकुल में कई साल पहले आया था और उसे मेघा से प्यार हो गया था, जो नारायण की एकलौतीइकलौती बेटी थी। नारायण ने उसे उसके चेहरे तक को बिना देखे निकाल दिया था। राज के बिना मेघा रह नहीं पाती और ख़ुदकुशी कर लेती है। राज आर्यन बोलता है कि वो गुरुकुल में वापस जरूर आएगा और वादा करता है कि वो इस गुरुकुल को प्यार से भर देगा, जिसे नारायण भी रोक नहीं सकेगा।
इन तीनों को पता है कि अगर वे पकड़े जाते हैं तो उन्हें निष्कासित कर दिया जाएगा, इसलिए वे अपने प्यार का पीछा नहीं करते हैं लेकिन खाली समय में इसके बारे में याद करते हैं।
 
इसके बाद राज आर्यन ([[शाहरुख खान]]) आते हैं जिसका संगीत शिक्षक के रूप में गुरुकुल में स्वागत होता है। दोस्ताना और प्यार की शक्ति में मजबूत विश्वास रखने वाला राज कई स्थिति को चुनौती देता है। धीरे-धीरे, वह उन परिवर्तनों को प्रस्तुत करता है जो प्रिंसिपल नारायण नापसंद करते हैं। वह उन्हें बताकर प्रेरित करता है कि उनके पास भी उसका विशेष प्यार है, मेघा ([[ऐश्वर्या राय]]) जो मर चुकी है। लेकिन वह उसे प्यार करता है और कल्पना करता है कि वह अब भी उसके साथ में है। राज ने लड़कों को अपने प्यार के प्रति वफादार रहने के लिए प्रोत्साहित किया।
 
एक दिन राज आर्यन पूरे गुरुकुल में प्यार फैलाने के लिए एक पार्टी रखता है, जिसमें वो सारी कॉलेज की लड़कियों को भी बुलाता है। नारायण उस पार्टी में आ जाता है और उसे बंद करा देता है। इसके बाद वो राज आर्यन पर गुस्सा हो जाता है और उसे नौकरी से निकाल देता है। इसके बाद राज आर्यन उसे बताता है कि वो भी इसी गुरुकुल में कई साल पहले आया था और उसे मेघा से प्यार हो गया था, जो नारायण की एकलौती बेटी थी। नारायण ने उसे उसके चेहरे तक को बिना देखे निकाल दिया था। राज के बिना मेघा रह नहीं पाती और ख़ुदकुशी कर लेती है। राज आर्यन बोलता है कि वो गुरुकुल में वापस जरूर आएगा और वादा करता है कि वो इस गुरुकुल को प्यार से भर देगा, जिसे नारायण भी रोक नहीं सकेगा।
 
ये सब सुन कर नारायण हैरान रह जाता है और इस बात को वो चुनौती के रूप में लेता है। वो राज आर्यन को कुछ और समय तक रुकने को कहता है। समीर, विक्की और करन अपने प्यार को पाने में सफल रहते हैं, पर नारायण नियमों को और भी कड़ा कर देता है। राज आर्यन के उकसाने से वे लोग नियमों को अनदेखा करते रहते हैं। जो वातावरण नारायण ने 25 सालों तक बनाए रखा था, उसे बचाने के लिए वो समीर, विक्की और करन को गुरुकुल से निकाल देता है। राज आर्यन उनकी तरह से बोलता है कि प्यार कर के उन लोगों ने कुछ बुरा नहीं किया है। वो नारायण को अपनी ही बेटी के मौत का कारण बताता है। राज के शब्द उसके मन को बदल देते हैं और उसे अपनी गलती का एहसास होता है। वो गुरुकुल के सभी विद्यार्थियों से माफी मांगता है और प्राचार्य के पद से इस्तीफा दे देता है और नए प्राचार्य के लिए वो राज का नाम आगे करता है। राज उसे स्वीकार कर लेता है।