"दिल्ली सल्तनत": अवतरणों में अंतर
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इस वंश का पहला शासक [[जलालुद्दीन खिलजी]] था। उसने 1290 इस्वी में गुलाम वंश के अंतिम शासक कैकुबाद की हत्या कर सत्ता प्राप्त की। उसने कैकुबाद को तुर्क, अफगान और फारस के अमीरों के इशारे पर हत्या की।
जलालुद्दीन खिलजी मूल रूप से अफगान-तुर्क मूल का था। उसने
मंगोलों के वापस लौटने के पश्चात अलाउद्दीन ने अपने सेनापति मलिक काफूर और खुसरों खान की मदद से दक्षिण भारत की ओर साम्राज्य का विस्तार प्रारंभ कर दिया और भारी मात्रा में लूट का सामान एकत्र किया।<ref>Frank Fanselow (1989), Muslim society in Tamil Nadu (India): an historical perspective, Journal Institute of Muslim Minority Affairs, 10(1), pp 264-289</ref> उसके सेनापतियों ने लूट के सामान एकत्र किये और उस पर ''घनिमा'' (الْغَنيمَة, युद्ध की लूट पर कर) चुकाया, जिससे खिलजी साम्राज्य को मजबूती मिली। इन लूटों में उसे वारंगल की लूट में अब तक के मानव इतिहास का सबसे बड़ा हीरा [[कोहिनूर]] भी मिला।<ref>Hermann Kulke and Dietmar Rothermund, A History of India, 3rd Edition, Routledge, 1998, ISBN 0-415-15482-0</ref>
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