"मैथिली भाषा": अवतरणों में अंतर

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2017
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|states =[[भारत]] तथा [[नेपाल]]
|nation = भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची, [[बिहार]]
|region = [[भारत]] के उत्तरी [[बिहार]] और झारखंड तथा [[नेपाल]] के [[तराई]] क्षेत्र
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|glottorefname=Maithili
}}
'''मैथिली''' [[भारत]] के उत्तरी [[बिहार]] और झारखंड राज्यों और [[नेपाल]] के [[तराई]] क्षेत्र में बोली जाने वाली [[भाषा]] है। यह ''[[हिन्द आर्य]]'' परिवार की सदस्य है। इसका प्रमुख स्रोत [[संस्कृत]] भाषा है जिसके शब्द "[[तत्सम]]" वा "[[तद्भव]]" रूप में मैथिली में प्रयुक्त होते हैं। यह भाषा बोलने और सुनने में बहुत ही मोहक लगता है।
 
मैथिली भारत में मुख्य रूप से [[दरभंगा]], [[मधुबनी]], [[सीतामढ़ी]], [[समस्तीपुर]], [[मुंगेर]], [[मुजफ्फरपुर]], [[बेगूसराय]], [[पूर्णिया]], [[कटिहार]], [[किशनगंज]], [[शिवहर]], [[भागलपुर]], [[मधेपुरा]], [[अररिया]], [[सुपौल]], [[वैशाली]], [[सहरसा]], [[रांची]], [[बोकारो]], [[जमशेदपुर]], [[धनबाद]] और [[देवघर]] जिलों में बोली जाती है|
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वर्ष २००३ में मैथिली भाषा को [[भारतीय संविधान]] की ८वीं अनुसूची में सम्मिलित किया गया। सन २००७ में [[नेपाल]] के अन्तरिम संविधान में इसे एक क्षेत्रीय भाषा के रूप में स्थान दिया गया है।<ref>[Government of Nepal (2007). [http://www.worldstatesmen.org/Nepal_Interim_Constitution2007.pdf Interim Constitution of Nepal 2007]</ref>
भारत के झारखंड राज्य में इसे द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त है|<ref>https://m.jagran.com/jharkhand/ranchi-second-official-language-of-bhojpuri-maithili-magahi-and-angika-18725982.html</ref>
 
== लिपि ==
पहले इसे [[मिथिलाक्षर]] तथा [[कैथी लिपि]]<ref>[https://books.google.co.uk/books?id=SylBHS8IJAUC&pg=PA67&dq=maithili+language+kaithi+script&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwjU956xuoPTAhXJCsAKHa19AIoQ6AEIGjAA#v=onepage&q=maithili%20language%20kaithi%20script&f=false "Language, Religion and Politics in North India"]. p. 67. Retrieved 1 April 2017.</ref> में लिखा जाता था जो [[बांग्ला]] और [[असमिया]] लिपियों से मिलती थी पर कालान्तर में [[देवनागरी]] का प्रयोग होने लगा।<ref>Yadava, Y. P. (2013). Linguistic context and language endangerment in Nepal। [http://himalaya.socanth.cam.ac.uk/collections/journals/nepling/pdf/Nep_Ling_28.pdf Nepalese Linguistics 28] : 262–274.</ref> मिथिलाक्षर को [[तिरहुता]] या [[वैदेही लिपी]] के नाम से भी जाना जाता है। यह असमिया, बांगला व [[उड़िया]] लिपियों की जननी है। उड़िया लिपी बाद में [[द्रविड़]] भाषाओं के सम्पर्क के कारण परिवर्तित हुई।