"विदुर": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 24:
==विदुर का धृतराष्ट्र तथा गान्धारी को उपदेश एवं वनगमन==
सम्पूर्ण तीर्थों की यात्रा करने पश्चात् [[विदुर]] जी हस्तिनापुर आये। उन्होंने [[मैत्रेय]] जी से आत्मज्ञान प्राप्त कर किया था। धर्मराज [[
अजातशत्रु युधिष्ठिर के इन वचनों को सुन कर विदुर जी ने उन्हें सभी तीर्थों का वर्णन सुनाया, किन्तु यदुवंश के विनाश का वर्णन को न कहना ही उचित समझा। वे जानते थे कि यदुवंश के विनाश का वर्णन सुन कर युधिष्ठिर को अत्यन्त क्लेश होगा और वे पाण्डवों को दुखी नहीं देख सकते थे। कुछ दिनों तक विदुर झि प्रसन्नता पूर्वक हस्तिनापुर में रहे।
|