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राणा सांगा अदम्य साहसी थे। एक भुजा, एक आँख खोने व अनगिनत ज़ख्मों के बावजूद उन्होंने अपना महान पराक्रम नहीं खोया, सुलतान मोहम्मद शासक माण्डु को युद्ध में हराने व बन्दी बनाने के बाद उन्हें उनका राज्य पुनः उदारता के साथ सौंप दिया, यह उनकी बहादुरी को दर्शाता है।
 
==इन्हें भी देखें==
*[[संग्राम सिंह द्वितीय]]
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.chittorgarh.com/chittorgarh_history.asp राणा सांगा]
*[http://books.google.co.in/books?id=P-bdni2uYlwC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=true राणा संग्राम सिंह] (गूगल पुस्तक ; लेखक - विनोद कुमार मिश्र)
{{उदयपुर}}
 
[[श्रेणी:मेवाड़ के शासक]]
[[श्रेणी:भारत का इतिहास]]
[[श्रेणी:मेवाड़ राजवंश]]
[[श्रेणी:भारत के शासक]]
[[श्रेणी:भारत का इतिहास]]
 
{{इति-आधार}}