"वार्ता:रविदास": अवतरणों में अंतर
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== गलत फहमी दूर करना ==
मेरे हिसाब से किसी भी महा पुरुष ने गलत ना तो लिखा हैं और ना ही गलत बोला हैं बल्कि आजकल के लोग इतने तकनीकी बन गए हैं कि वो वाणियो का स्वरूप ही बदल देते हैं बात करे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर साहिब की उन्होंने आम नागरिक की सेवा की लोगो को धर्म की सही दिशा बताई उन्होंने किसी के धर्म की निंदा नही की बल्कि वो तो लोक कल्याण की बाते करते थे उन्होंने देश के नीच समझे जाने वाले लोगो को उनका अधिकार दिलाया उन्हें भी कही महापुरुषों से बहुत कुछ सीखने को मिला वो संत कबीर महात्मा बुद्ध आदि की वाणियो से सही ज्ञान को परखा ओर जीवन मे अच्छाई ओर बुराई का फर्क समझा ओर लोगो को फालतू के रीतिरिवाजों ओर आडम्बरो से छुड़वाया उनको सही राह बताई लोग बेचारे पंडितो पुरोहितो की बनाई रीतियों में फस जाते थे इसलिए उन्होंने तो सही रास्ता बताया देश की आजादी में देश के संविधान में अहम भूमिका निभाई उसी प्रकार भारत देश मे ओर भी कई संत महापुरुष हुए ह जिन्होंने फालतू के आडम्बरो का जमकर विरोध किया [[सदस्य:जीतू वर्मा|जीतू वर्मा]] ([[सदस्य वार्ता:जीतू वर्मा|वार्ता]]) 17:11, 21 दिसम्बर 2018 (UTC)
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