"वैदिक सभ्यता": अवतरणों में अंतर
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* आर्य एकेश्वरवाद में विश्वास करते थे।
* यहाँ प्राकृतिक मानव के हित के लिये ईश्वर से कामना की जाती थी। वे मुख्य रूप से केवळ बर्ह्मान्ड के धारण करने वाळे एकमात्र परमपिता परमेश्वर के पूजक थे। वैदिक धर्म पुरूष प्रधान धर्म था। आरम्भ में स्वर्ग या अमरत्व की परिकल्पना नहीं थी।
* वैदिक धर्म पुरोहितों से नियंत्रित धर्म था। पुरोहित ईश्वर एवं मानव के बीच मध्यस्थ था। मनुष्य एवं देता के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले देवता के रूप में अग्नि की पूजा की जाती थी। वैदिक देवताओं का स्वरुप महिमामंडित मानवों का है। ऋग्वेद में 33 प्रकार के तत्वों (दिव्य गुणो से युक्त पदार्थो) का उल्लेख है।
==इन्हें भी देखें==
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