"जोगिंदर नगर": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox Indian Jurisdiction |
| नगर का नाम = जोगिंदरजोगिन्दर नगर /जोगिन्द्र जोगीन्द्र नगर
| प्रकार = नगर
| latd = 31.98
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जोगिंदर'''जोगिन्दर नगर / जोगिन्द्र नगर''' (भूतपूर्व नाम "सकरहट्टी या सकरोटी") भारत गणराज्य के [[हिमाचल प्रदेश]] राज्य के [[मंडी जिला]] में स्थित है। इसका नाम जिला मंडी रियासत के राजा [[जोगिंदर सेन]] के नाम पर रखा गया है।
 
==परिवहन==
===हवाईजहाज से===
जोगिंदर नगर से निकटतम हवाई अड्डा गगगल हवाई अड्डा ([[कंगड़ा]] या [[धर्मशाला]]) है।
===रेलवे द्वारा===
[[पठानकोट]] से जोगिंदर नगर नैरोगेज़ रेलमार्ग की कुल लम्बाई १६३ किलोमीटर है।
===सड़क मार्ग से===
[[राष्ट्रीय राजमार्ग 22]] जोगिंदर नगर से भी गुजरता है.जोगिंदर नगर-सरकाघाट राज्य राजमार्ग इसके माध्यम से भी गुजरता है।
==अन्य सूचना==
[[पठानकोट]] से जोगिंदर नगर नैरोगेज़ रेलमार्ग की कुल लम्बाई १६३ किलोमीटर है जिसका निर्माण वर्ष १९२५ में ब्रिटेन से विद्युत् मशीनों हेतु सामग्री लाने के लिए किया गया था। जोगिंदर नगर एशिया का इकलौता नगर है जिसमें एक साथ तीन जल विद्युत् निर्माण गृह स्थापित किये गये हैं (तीसरे विद्युत् गृह "चूल्हा प्रोजेक्ट" का निर्माण अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है)। इसी कारण जोगिंदर नगर को विद्युत् नगर के नाम से भी जाना जाता है।
 
प्रथम चरण का निर्माण कर्नल बी.सी. बैटी के अथक प्रयासों से शानन नामक स्थान पर किया गया था। उन्होंने राजा जोगिंदर सेन के साथ मिलकर तत्कालीन "सकरहट्टी" से पठानकोट तक रेलमार्ग कर निर्माण करवाया था। इसी रेलमार्ग से भारी मशीनें ब्रिटेन से मंगवाई गई। शानन से 'होलेज वे' का निर्माण बरोट तक किया गया जहाँ उहल नदी से पानी को एकत्र करके बड़े जलाशय का निर्माण करवाया गया था। इसके उपरांत विभिन्न सुरंगों का निर्माण करते हुए विपरीत परिस्थितियों में बड़ी पाइपों को जोड़ कर शानन की प्रस्तावित निर्माण स्थली तक पहुँचाया गया।