"ग़दर: एक प्रेम कथा": अवतरणों में अंतर

भूमिका
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== कहानी==
ये तारा सिंह ([[सनी देओल]]) और सकीना ([[अमीषा पटेल]]) की प्रेम कहानी है। फिल्म की कहानी [[भारत का विभाजन|भारत के विभाजन]] के दौरान हो रहे दंगा फ़साद से शुरू होती है। इसी के दौरान तारा और सकीना मिलते हैं। तारा उसे बचा कर अपने साथ ट्रक में ले जाते रहता है और इसी दौरान वो अपने पिछले समय को याद करते रहता है, जब उसकी मुलाक़ात कॉलेज में सकीना से हुई थी।
 
तारा और सकीना की पहली मुलाक़ात सकीना के कॉलेज में हुई थी। तारा असल में एक गायक बनना चाहता था, पर उसे मौका नहीं मिला था। जब वो सकीना और उसके दोस्तों से मिलता है तो वे लोग उसे बेवकूफ बनाते हैं कि सकीना एक संगीत शिक्षिका है। तारा को बाद में पता चलता है कि वो कोई शिक्षिका नहीं, बल्कि उसी कॉलेज में पढ़ने वाली विद्यार्थी है। सकीना उसके गायकी से काफी प्रभावित रहती है और अपने कॉलेज में हो रहे संगीत समारोह में अपने जगह तारा को गाने का मौका देती है। तारा के गाने से सभी प्रभावित होते हैं। सकीना अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद तारा को अलविदा कह के अपने घर चले जाती है।
 
वर्तमान समय में तारा उसे अपने घर ले आता है और उसे किसी तरह उसके अपने घर भेजने के बारे में सोचने लगता है। बाद में सकीना को लगने लगता है कि उस दंगे में उसके पिता, अशरफ अली ([[अमरीश पूरी]]) की भी मौत हो गई है। बाद में धीरे धीरे सकीना और तारा एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं और दोनों शादी कर लेते हैं। उनका एक बेटा भी होता है, जिसका नाम वे लोग जीत रखते हैं। उनका जीवन काफी अच्छा चलते रहता है कि तभी एक दिन सकीना की नजर के पुराने अखबार पर पड़ती है, जिसमें उसके पिता होते हैं, जिसे वो मरा हुआ समझ रही होती है, वो अब लाहौर के मेयर हैं।
 
वो अपने पिता से मिलने के लिए दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी दूतावास से कॉल करती है और वो उसके लाहौर आने के लिए विमान का इंतजाम करता है। हालांकि तारा और उनका बेटा भी साथ में जाने वाले होते हैं, लेकिन वीजा की परेशानी के कारण सिर्फ सकीना ही जाती है। वहाँ जाने के बाद जब सकीना वापस आने की बात कहती है तो उसके माता-पिता मना कर देते हैं, जिससे सकीना का दिल टूट जाता है। सकीना के पिता उसकी जबरन दुसरी शादी कराने की कोशिश करते हैं।
 
इसी बीच तारा और उसका बेटा पाकिस्तान में गैर-कानूनी रूप से अंदर आ जाते हैं। उन्हें पता चलता है कि सकीना की शादी होने वाली है। वे लोग उस जगह पर आ जाते हैं और एक दूसरे से मिल जाते हैं। सकीना के पिता उसके सामने दो शर्त रखते हैं कि उसे पाकिस्तान की नागरिकता लेनी होगी और इस्लाम में परिवर्तित होना पड़ेगा। अशरफ को लगता रहता है कि तारा कभी इन दोनों शर्तों को नहीं मानेगा, पर अगले दिन वो दोनों शर्त मान लेता है। इसके बाद वो तारा से अपने देश का अपमान करने को कहता है, ताकि पता चल सके कि वो सच्चा पाकिस्तानी है। तारा इससे गुस्से में आ जाता है और अशरफ द्वारा नियुक्त किए हुए हमलावर, जो उसे मारने वाला होता है, उसे मार देता है। वे तीनों उस जगह से भाग जाते हैं और एक जगह छुप जाते हैं।
 
उन तीनों को ट्रेन मिल जाता है, जो भारत जाने वाला होता है। वे लोग उसी ट्रेन में बैठ जाते हैं। जब अशरफ को ये बात पता चलती है तो वो कुछ लोगों के साथ उन्हें रोकने आ जाता है। इसी दौरान सकीना को उसके पिता की गोली लग जाती है। अस्पताल में सकीना कोमा में चले जाती है। जब उसे वापस होश आता है तो फिल्म में दिखाया जाता है कि अशरफ अपने नाती और तारा को स्वीकार कर लेता है और वे लोग वापस भारत लौट जाते हैं।
 
== कलाकार ==