"जानवर (1999 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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== संक्षेप ==
सुल्तान ([[शक्ति कपूर]]) एक अनाथ को अपनाता है और उसे बादशाह ([[अक्षय कुमार]]) का नाम देता है। बादशाह बड़े होकर अपराधी बनता है और इंस्पेक्टर प्रधान ([[आशीष विद्यार्थी]]) द्वारा उसका जीवन कठिन बना दिया जाता है। बादशाह का सहायक अब्दुल ([[आशुतोष राणा]]) है। बादशाह के जीवन में एकमात्र आशा सपना ([[करिश्मा कपूर]]) है, जिसे उसने संयोग से मुलाकात की। लेकिन बादशाह सार्वजनिक जगह पर हत्या करता है। इस अनुभव के दौरान, एक बच्चा उसके पास आ जाता है। वह बच्चे को सपना के पास ले जाता। इससे पहले कि वह कुछ भी समझा सके, प्रधान वहां पहुँचाता है और बादशाह को बच निकलना पड़ता है। वह अपना नाम बाबू लोहार में बदल लेता है और बच्चे को एक अच्छा भविष्य देने के लिए एक लोहार का काम करने लगता है। हालांकि, 7 वर्षों के बाद, वह फिर से अब्दुल और सुल्तान को देखता है। प्रधान अब भी उसके पीछे है। जब बच्चे के माता-पिता उसके बारे में पता लगाते हैं, तो वे बाबू से अपने बच्चे को वापस करने के लिए कहते हैं। क्या वह बच्चे को जाने देगा? क्या बच्चा अपने माता-पिता के साथ जाएगा?
 
;सात साल बाद
राजू अब बड़ा हो चुका है और स्कूल भी जाने लगता है। ममता उसी स्कूल की ट्रस्टी रहती है और राजू से मिलने के बाद उससे काफी जुड़ाव महसूस करती है, उसे पता नहीं होता कि राजू उसी का बेटा है। वो जब राजू को कई सारे उपहार देती है, तो बाबू उस पर गुस्सा हो जाता है। उसे लगता है कि इस तरह के उपहार से राजू उससे दूर हो जाएगा। वहीं अब्दुल जेल से छूट जाता है और सुल्तान से मिलता है, जिसे लगते रहता है कि बादशाह भी जेल में उसी के साथ बंद है। उससे मिलने के बाद अब्दुल को लगता है कि बादशाह चोरी के पैसे लेकर भाग गया और उसे जेल में सड़ने के लिए छोड़ दिया। सुल्तान इसका बदला लेने की सोचता है और चाहते रहता है कि बादशाह वापस उसके लिए काम करे। अब्दुल उसकी तलाश में उसकी प्रेमिका, सपना पर नजर रखे रहता है, जो अब [[नाइट क्लब|नाइटक्लब]] में काम करते रहती है। काफी समय तक उसकी जासूसी करने के बाद उसे पता चलता है कि उसकी प्रेमिका तक को उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। जल्द ही अब्दुल को बादशाह की नई पहचान के बारे में पता चल जाता है, वो उसके पास जा कर उससे पैसों और अचानक गायब होने के बारे में पूछता है। इसके बाद बाबू उसके साथ सुल्तान से मिलता है और वो बोलता है कि अब वो इस तरह का कोई काम नहीं करेगा, अब वो अपना भूतकाल बुला कर आगे बढ़ चुका है। राजू के स्कूल के एक कार्यक्रम के बाद आदित्य उसे अपने कार से घर छोड़ देता है। घर में आने के बाद राजू उसे अपने बचपन की तस्वीर दिखाने लगता है, तभी आदित्य को एहसास होता है कि राजू उसी का बेटा है। वो बाबू को अपने घर बुलाता है और अपने बेटे को वापस करने को कहता है, पर बाबू कहता है कि वो राजू से दूर नहीं रह सकता और मना कर देता है। आदित्य इस मामले को अदालत तक ले जाता है और अदालत में राजू की कस्टडी आदित्य और ममता को मिल जाती है। उन दोनों को एहसास होता है कि राजू अपने नए जीवन में बाबू से दूर रहने के कारण खुश नहीं है। वे दोनों उसे बाबू के पास लाते हैं, पर उसी बीच सुल्तान के आदमी आ कर उसका अपहरण कर लेते हैं।
 
बाबू को जब राजू के अपहरण के बारे में पता चलता है तो वो बिना कुछ सोचे समझे उसे बचाने के लिए चले जाता है और दुश्मनों के बिछाये जाल में फंस जाता है। वे लोग उसे बंदी बना लेते हैं और उसी के सामने राजू के ऊपर दो कुत्ते छोड़ देते हैं। बाबू किसी तरह अपने आप को छुड़ा लेता है और राजू को कुत्तों से बचा लेता है। इसके बाद वो अब्दुल और सुल्तान को मार देता है। अंत में बादशाह और सपना एक हो जाते हैं। वे दोनों भी आदित्य और ममता के साथ रहते हैं, ताकि राजू के पास रह सकें और इस तरह कहानी समाप्त हो जाती है।
 
== मुख्य कलाकार ==