"फूल (1993 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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'''फूल''' 1993 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसमें [[माधुरी दीक्षित]] और [[कुमार गौरव]] मुख्य भूमिकाओं में हैं। साथ में [[राजेन्द्र कुमार]] और [[सुनील दत्त]] भी हैं। यह फिल्म अभिनेता राजेन्द्र कुमार द्वारा बनाई गई है जो वास्तविक जीवन और फिल्म, दोनों में कुमार गौरव के पिता हैं। यह फिल्म राजेन्द्र कुमार की अंतिम फिल्म रही।
 
== संक्षेप ==
धर्मराज ([[राजेन्द्र कुमार]]) और बलराम चौधरी ([[सुनील दत्त]]) दो दोस्त हैं जो खेती करते हैं। धर्मराज बेटे, राजू ([[कुमार गौरव]]) और अपनी मां के साथ रहता है। बलराम अपनी पत्नी सावित्री और एक बेटी गुड्डी ([[माधुरी दीक्षित]]) के साथ रहता है। अपनी दोस्ती को मजबूत करने के लिए दोनों पिता अपने बच्चों की शादी को तय करते हैं। धर्मराज तब एक व्यापारी बनने के लिए बम्बई चला जाता है और राजू को एक छात्रावास में भेजा जाता है और फिर आगे के अध्ययन के लिए अमेरिका भेजा जाता है।
 
सालों बाद धर्मराज ने बलराम को सूचित किया कि विवाह अब नहीं हो सकता है। बलराम इस खबर के साथ घर लौटता है और सदमे में, उसकी पत्नी सावित्री गुजर जाती है। जब वहगुड्डी गोपाल नामक एक पत्रकार से मिलती है तो प्रेम गुड्डी के जीवन में प्रवेश करता है। बलराम ने गोपाल का गुड्डी से गुप्त रूप से मिलना अस्वीकार कर दिया। गोपाल ने वादा किया है कि जब तक वे विवाह नहीं कर लेते हैं तब तक वह गुड्डी से फिर से नहीं मिलेगा। गोपाल ने तब खुलासा किया कि वह राजू है। तब गुड्डी ने कभी भी राजू या उसके परिवार के साथ बात न करने की कसम ली।
 
गुड्डी के पिता ने उसकाउसके विवाह को किसी और से करने की व्यवस्था की।करते हैं। राजू ने परेशान होकर पीना शुरू कर दिया, परेशान होकर कि उसे गुड्डी के जीवन से बाहर निकाल दिया गया है। तब बलराम ने राजू को गिरफ्तार करवा दिया और शादी में हस्तक्षेप करने से रोकने के लिए उसे थाने में बंद कर दिया गया। धर्मराज अपने बेटे को बचाने के लिए बलराम के घर पहुँचता है और उसेउन्हें पता चलाचलता है कि बलराम अपनी बेटी की शादी करने जा रहा है। राजू पुलिस हिरासत से बचता है और गुड्डी का शादी के दिन अपहरण करताकर लेता है।
 
गुड्डी का मंगेतर राजू तक पहुँचता है। उनमें हाथापाई होती है और राजू उससे जीत जाता है और शादी करने के लिए स्थानीय मंदिर में गुड्डी को ले जाता है। गुड्डी अभी भी उससे शादी करने को तैयार नहीं है और उसे बताती है कि वह उससे नफरत करती है। राजू उसे एक बंदूक देता है और उसे बताता है कि यदि वह वास्तव में उसेउससे नफरत करती है तो उसे मार दें। अचानक, राजू को गोली मार दी गईजाती है लेकिन यह गुड्डी ने नहीं मारी। जिसने उसे गोली मार दीमारी वो एक स्थानीय पागल आदमी होता है जो भी गुड्डी से प्यार करता है। गुड्डी फिर राजू के लिए अपना प्यार कबूल करती है। राजू को गोली के घाव से बचाने के लिए बलराम और धर्मराज अंत में पहुँचते हैं। अंत में उसे बचाया गयाजाता है और वह गुड्डी से शादी करता है।
 
== मुख्य कलाकार ==
* [[सुनील दत्त]] - बलराम चौधरी
* [[राजेन्द्र कुमार]] - धरमराजधर्मराज
* [[कुमार गौरव]] - राजू / गोपाल
* [[माधुरी दीक्षित]] - गुड्डी
* [[शक्ति कपूर]] - मुन्ना
* [[आकाश खुराना]] - राजेश्वर दयाल
* [[राम मोहन]] - लालाजी
* [[दीना पाठक]] - धर्मराज की माँ
* [[माया अलग]] - सावित्री
* [[राजू श्रेष्ठ]] - डब्बू
* [[टीकू तलसानिया]] - संतोष
 
== संगीत ==