"सैयद वंश": अवतरणों में अंतर
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==कालक्रम==
;ख़िज्र खाँ:
खिज्र खाँ, सैयद वंश के संस्थापक थे।<ref>कृपाल चन्द्र यादव, पृ॰ ३७</ref> वो फिरोजशाह तुगलक के अमीर मलिक मर्दान दौलत के दतक पुत्र सुलेमान का पुत्र थे। तैमूर ने वापस लौटते समय उन्हें रैयत-ए-आला की उपाधि के साथ मुल्तान, लाहौर और दीपालपुर का शासक नियुक्त किया था।<ref>मनोज कुमार शर्मा, पृ॰ १४२</ref> उन्होंने तैमूर वंश की सहायता से दिल्ली की सत्ता सन् १४१४ में प्राप्त की और जीवन भर रैयत-ए-आला की उपाधि के साथ सन्तुष्ट रहे।<ref>एम॰ हसन, पृ॰ २३८</ref> उन्हें तैमूर ने भारत में अपने प्रतिनिधि के रूप में मुल्तान में नियुक्त कर रखा था। सन्
;मुबारक शाह:
खिज्र खाँ की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी के रूप में उनका पुत्र मुबारक शाह ने दिल्ली की सत्ता अपने हाथ में ली। अपने पिता के विपरीत उन्होंने अपने आप को सुल्तान के रूप में घोषित किया।<ref>एम॰ हसन, पृ॰२४०</ref>
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