"गंगा सिंह": अवतरणों में अंतर

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१९२० से १९२६ के बीच गंगा सिंह ‘इन्डियन चेंबर ऑफ़ प्रिन्सेज़’ के चांसलर बनाये गए। इस बीच १९२४ में ‘लीग ऑफ़ नेशंस’ के पांचवें अधिवेशन में भी इन्होंने भारतीय प्रतिनिधि की हैसियत से हिस्सा लिया।
 
<ref>{{Cite web|url=http://hihindi.com/ganga-singh-biography-in-hindi/|title=महाराजा गंगा सिंह की जीवनी {{!}} Ganga Singh Biography In Hindi|last=|first=|date=|website=|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref> वर्साय के शान्ति समझौते में बीकानेर के इस शासक को बुलाया गया था. इन्होने देशी राज्यों के मुखिया के रूप में सम्मेलन में हिस्सा लिया. वर्ष 1921 में नरेंद्रमंडल का गठन इन्ही की बदौलत किया गया, बाद में गंगासिंह को इसका अध्यक्ष चुना गया था. गंगा सिंह देशी राज्यों के हितों के पक्षधर तथा अंग्रेजों के चाटुकार थे. इन्होने अपने जीवन काल में एक जनहित का कार्य किया वो था. गंगनहर का लाना, जिसके कारण इन्हें कलयुग का भागीरथ भी कहते हैं.
 
=मानद-सदस्यताएं=