"सत्य": अवतरणों में अंतर

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= सत्य का महत्व =
<ref>{{Cite web|url=http://hihindi.com/poem-on-truth-in-hindi/|title=सच बोलने पर कविता {{!}} Poem On Truth In Hindi|last=|first=|date=|website=|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref> सत्य इस संसार में बड़ी शक्ति हैं. सत्य के बारे में व्यवहारिक बात यह है कि सत्य परेशान हो सकता हैं. मगर पराजित नहीं. भारत में कई सत्यवादी विभूतियाँ हुई जिनकी दुहाई आ भी दी जाती हैं जैसे राजा हरिश्चन्द्र, सत्यवीर तेजाजी महाराज आदि. इन्होने अपने जीवन में यह संकल्प कर लिया था कि भले ही जो कुछ हो जाए वे सत्य की राह को नहीं छोड़ेगे.
 
सत्य का शाब्दिक अर्थ होता है सते हितम् यानि सभी का कल्याण. इस कल्याण की भावना को ह्रदय में बसाकर ही व्यक्ति सत्य बोल सकता हैं. एक सत्यवादी व्यक्ति की पहचान यह है कि वह वर्तमान, भूत, भविष्य के बारे में विचार किये बिना अपनी बात पर दृढ़ रहता हैं. मानव स्वभाव की सत्य के प्रति आगाध श्रद्धा झूठ के प्रति गुस्से के भाव आते हैं.
"https://hi.wikipedia.org/wiki/सत्य" से प्राप्त