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Sachin pilot Wikipedia error [[सदस्य:Maneesh Kumar Tripathi|Maneesh Kumar Tripathi]] ([[सदस्य वार्ता:Maneesh Kumar Tripathi|वार्ता]]) 14:36, 29 नवम्बर 2018 (UTC)
 
== Surya Bishnoi ==
 
Khetolai [[सदस्य:Surya Bishnoi|Surya Bishnoi]] ([[सदस्य वार्ता:Surya Bishnoi|वार्ता]]) 06:37, 2 दिसम्बर 2018 (UTC)
 
== राष्ट्रीय गान ==
 
जन-गण-मन अधिनायक [[सदस्य:Ak4720135|Ak4720135]] ([[सदस्य वार्ता:Ak4720135|वार्ता]]) 13:20, 20 दिसम्बर 2018 (UTC)
 
== जैविक खेती ==
 
किसानो कीबढ़ती आवश्यकता के कारण किसान रासायनिक खादों का अधिक कर रहा है जो मानव के स्वास्थ्य के और मृदा केलिए हानिकारक है अधिक रासयनिक खादों के प्रयोग से मृदा की उर्वरा शक्ति कम हो रही है भूमि बंजर होती जा रही है और मानव के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है मानव मे अनेक प्रकार की बीमारिया उत्पन्न होती जा रही है
इन सभी से बचने की लिए किसानो को जैबिक खेती करनी चाहिए और रासयनिक का कम प्रयोग करना चाहिए नहीं तो बो दिन दूर नहीं है जब किसान किसानी को छोड़ कर शहर की ओर पलायन करने लगे गे भूमि से कुछ नहीं पैदा होगा ओर कई प्रकार की बीमारिया उत्त्पन होंगी जैसे कैंसर आदि
[[सदस्य:Neeraj raghuwanshi|Neeraj raghuwanshi]] ([[सदस्य वार्ता:Neeraj raghuwanshi|वार्ता]]) 15:25, 27 दिसम्बर 2018 (UTC)
 
jevik kheti vbkyi me ak swachchh pahal hai.swasth ki drasti se.kintu kisan ise apnayenge ak bda swal hai. [[सदस्य:Jagdish gayri|Jagdish gayri]] ([[सदस्य वार्ता:Jagdish gayri|वार्ता]]) 08:21, 29 दिसम्बर 2018 (UTC)
 
organic farming
[[सदस्य:Jagdish gayri|Jagdish gayri]] ([[सदस्य वार्ता:Jagdish gayri|वार्ता]]) 08:38, 29 दिसम्बर 2018 (UTC)
 
== Salauddin Momin Story Screenplay Dialogues Writer. ==
 
Screen writing. [[सदस्य:Salauddin Momin|Salauddin Momin]] ([[सदस्य वार्ता:Salauddin Momin|वार्ता]]) 17:28, 27 दिसम्बर 2018 (UTC)
 
== हमारा जिला - सिद्धार्थनगर पिछड़ा क्यों ? ==
 
आज हम बात करते हैं हमारे अपने जिला सिद्धार्थनगर की । हमारे सिद्धार्थनगर में न ही युवावों की कमी है , न ही बुद्धजीवियों की , और न ही किसानी से जुड़े अच्छे खेती भूमि की । फिर भी सवाल निकलकर आता है कि पिछड़ा क्यों ?
पिछड़ा मतलब , यह नही की हमारे जिले में पढ़ाई, स्वास्थ के लिए स्कूल अथवा सरकारी अस्पताल की कमी है । पिछड़ा सब्द इसलिए कहा जा रहा है कि सरकारी नौकरियों के औसत में हम सबसे पीछे क्यों ?
आज से कुछ महीने पहले की बात है , बाँसी में थाने के पास एक 16 साल लड़का, और उसके दादा जी दोनों एक चाय के दुकान में बैठकर चाय पानी कर रहे थे । इत्तेफाक से हम भी वहां पहुंचे और चाय पानी पिये। और बैठकर पेपर पढ़ रहे थे । तो मेरे पीछे वाले कुर्सी से मुझे सिसक सिसक कर रोने की आवाज़ सुनाई दी । तुरंत मैने उस पर गौर किया तो पाया कि वह लड़का सिसक रहा है और उसके दादा जी उसे थपथपकर चुप कराने की कोसिस कर रहे थे । यह मुझसे देखा नही गया और मैं उनसे पूंछ बैठा , बेटा तुम क्यों रुओ रहे हो और क्या परेशानी है तुम्हे ? तो उसके दादा जी ने बताया कि हम इसी स्टेट बैंक में आये थे अपने पोते की आगे डिग्री की पढ़ाई करने के लिए बैंक से रुपये लोन लेने । लेकिन बैंक मैनेजर तो पहले आठ से दस दिनों तक दौड़ाया की मैं थक हारकर पीछे हट जाऊं । लेकिन मैं और मेरा पोता मैनेजर साहब से मिलने की फिराक में 10 दिनों से दौड़ते रहे । और आज जब मौका मिल ही गया मैनेजर साहब से मिलने की तो इधर उधर यह पेपर वह पेपर , ग्यारंटेड, इतना ब्याज, की बातें करके उलझाये रहे । जब सब पर मैं राजी हो गया तो आखिर में बोले कि हम आपको लोन नही दे सकते हैं। क्यों कि सिद्धार्थनगर जिला पिछड़े में आता है । और आप जाइये किसी प्राइवेट बैंक से लोन का आवेदन कीजिये । हो सकता है वहां आपको लोन मिल जाये ।
यही वजह है कि मेरा पोता Btech Engineering की पढ़ाई करने चाहता है। और मेरी माली हालत कुछ ठीक नही है। समझ मे नही आता क्या करें कैसे अपने बच्चे को आगे की पढ़ाई कराएं ?
मैं भी उनकी बातें सुनकर चुप रह गया । और वहां जितने आदमी चाय पान कर रहे थे सबके सब सन्न रह गए । लेकिन किसी ने उस समय मैनेजर से जाकर पूंछ ताछ करने की हिम्मत नही जुटा पाई ।
आखिरकार वह बुजुर्ग आदमी अपने बच्चे को जैसा तैसा करके Btech enginerring की पढ़ाई करवा रहे हैं अच्छे प्राइवेट कॉलेज से । उनसे आज भी मैं मिलते रहता हूँ और हाल चाल पूंछते रहता हूँ उस बच्चे का भी । आज वही बच्चा सिविल इंजिनीरिंग से अपना आगे की पढ़ाई कर रहा है। ऐसे तमाम केश हमारे सिद्धार्थनगर जिले में मिल जाएंगे कि बहुत से बच्चे पैसे न हो पाने की वजह से अपनी डिग्री की पढ़ाई नही कर पाए हैं। और न ही बैंक साधारण आम इंसान को एडुकेशन लोन देती है। हो सकता है जिसका दबदबा हो या सपोर्ट हो उसे लोन मिलता हो। पर आम जनता को कतई नही यह सब सुविधा प्राप्त हो पाता है । इस पर हमारे प्रदेश के शासन, प्रसासन को ध्यान देने की बहुत आवश्यकता है ।
धन्यवाद Azad . [[सदस्य:Azad Akram|Azad Akram]] ([[सदस्य वार्ता:Azad Akram|वार्ता]]) 16:28, 30 दिसम्बर 2018 (UTC)
 
== Vardia Kshatriya caste ==
 
एक मत है कि, शक् युग उज्जैन, मालवा के राजा विक्रमादित्य के वंश पर शकों की जीत के साथ शुरु हुआ।राजा शालीवाहन को वरदान था कि वे किसी भी मिट्टी की मूरत को जीवित कर सकते थे उन्होंने मिट्टी की सेना बना कर उसे छिपा दिया था इन्द्र देव ने कई प्रयास किए सेना को नस्ट करने के लिए पर पूर्ण सफलता नहीं मिली । युद्ध के लिए राजा ने मिट्टी की सेना पर पानी के छीटें डालकर उसे जीवित कर लिया और विजय का विगुल बाजा दिया । इस जीत के बाद, शकों ने उस पश्चिमी क्षत्रप राज्य की स्थापना की जिसने तीन से अधिक सदियों तक इस क्षेत्र पर शासन किया।उनका पालन पोषण कुम्हार के घर हुआ था पर वे कुम्हार नहीं थे वर्तमान में उनका एक वंश वर्दिया के नाम से जाना जाता है जो कि विशुद्ध कुम्हार है अर्थात् इन्होंने मिट्टी के बर्तन बनाना प्रारंभ कर दिया था परन्तु वास्तविक रूप से ये क्षत्रिय है ये मुख्य रूप से महाराष्ट्र,अहमदाबाद ,गुजरात , मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश आदि में निवास करते है [[सदस्य:Royal vardia|Royal vardia]] ([[सदस्य वार्ता:Royal vardia|वार्ता]]) 17:03, 30 दिसम्बर 2018 (UTC)
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