"वैदिक सभ्यता": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Map of Vedic India.png|thumb|410px|प्राचीन भारत]]
{{भारतीय इतिहास}}
'''वैदिक सभ्यता''' प्राचीन भारत की सभ्यता है जिसमें [[वेद|वेदों]] की रचना हुई। भारतीय विद्वान् तो इस सभ्यता को अनादि परम्परा आया हुआ मानते हैं | पश्चिमी विद्वानो के अनुसार [[आर्य|आर्यों]] का एक समुदाय भारत मे लगभग 1500 ईसा पूर्व आया और उनके आगमन के साथ ही यह सभ्यता आरंभ हुई थी। आम तौर पर अधिकतर विद्वान वैदिक सभ्यता का काल 1500 ईसा पूर्व से 500 ईसा पूर्व के बीच मे मानते है,| परन्तु<ref>{{cite नएweb|url=https://www.bbc.com/hindi/india-46709161|title=आर्य पुरातत्त्व उत्खननोबाहर से मिले अवशेषों मे वैदिक सभ्यता के कई अवशेष मिले हैं जिससे आधुनिक विद्वान जैसे डेविड फ्राले, तेलगिरी, बी बी लाल, एस र राव, सुभाष काक, अरविन्दो यह मानने लगे है कि वैदिक सभ्यता भारत मे ही शुरु हुई थी और ऋग्वेद का रचना शुंग कालआए मेंथे: हुयी,नज़रिया}}</ref>
 
क्योंकि आर्यो के भारत मे आने का न तो कोई पुरातत्त्व उत्खननो से प्रमाण मिला है और न ही डी एन ए अनुसन्धानो से कोई प्रमाण मिला है इस काल में वर्तमान [[हिंदू धर्म]] के स्वरूप की नींव पड़ी थी जो आज भी अस्तित्व में है। वेदों के अतिरिक्त [[संस्कृत]] के अन्य कई ग्रंथो की रचना भी इसी काल में हुई थी। वेदांगसूत्रौं की रचना [[मन्त्र]] [[ब्राह्मणग्रंथ]] और [[उपनिषद]] इन वैदिकग्रन्थौं को व्यवस्थित करने मे हुआ है | अनन्तर रामायण, महाभारत,और पुराणौंकी रचना हुआ जो इस काल के ज्ञानप्रदायी स्रोत मानागया हैं। अनन्तर [[चार्वाक]] , [[तान्त्रिकौं]] ,[[बौद्ध]] और [[जैन धर्म]] का उदय भी हुआ |