"गुरु गोबिन्द सिंह": अवतरणों में अंतर

जन्म दिवस
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जन्म दिवस
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{{ज्ञानसन्दूक व्यक्ति
'''गुरु गोबिन्द सिंह''' (जन्म :05जनवरी १६६६, मृत्यु: ७ अक्टूबर १७०८) [[सिख धर्म|सिखों]] के [[सिखों के दस गुरु|दसवें गुरु]] थे। उनके पिता [[गुरू तेग बहादुर]] की मृत्यु के उपरान्त ११ नवम्बर सन १६७५ को वे गुरू बने। वह एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक नेता थे। सन १६९९ में [[बैसाखी]] के दिन उन्होने '''[[खालसा]]''' पन्थ की स्थापना की जो सिखों के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है।
| name = गुरु गोबिन्द सिंह जी<br />ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ
| nickname = दशमेश, दशम गुरु, सरबंसदानी, बाजां वाले
| image = Guru Gobind Singh.jpg
| image_size =
| caption =
| birth_name = गोबिन्द राय
| birth_date = [[05 जनवरी ]], [[1666]]
| birth_place = [[पटना]] [[बिहार]], [[भारत]]
| death_date = {{death date and age|1708|10|7|1666|09|22|df=yes}}
| death_place = [[नांदेड़]], [[महाराष्ट्र]], भारत
| title = सिखों के दसवें और अंतिम गुरु
| known_for = दसवें सिख गुरु, सिख खालसा सेना के संस्थापक एवं प्रथम सेनापति
| predecessor = [[गुरु तेग बहादुर]]
| successor = [[गुरु ग्रंथ साहिब]]
| spouse = [[माता जीतो]], माता संदरी, [[माता साहिब दीवान]]
| children = [[साहिबजा़दा अजीत सिंह|अजीत सिंह]]<br />[[साहिबजादा जुझार सिंह|जुझार सिंह]]<br />[[साहिबजादा जोरावर सिंह|जोरावर सिंह]]<br />[[साहिबजादा फतेह सिंह|फतेह सिंह]]
| parents = [[गुरु तेग बहादुर]], [[माता गूजरी]]
}}{{सिक्खी}}
'''गुरु गोबिन्द सिंह''' (जन्म :05जनवरी १६६६, मृत्यु: ७ अक्टूबर05 १७०८)जनवरी 1666[[सिख धर्म|सिखों]] के [[सिखों के दस गुरु|दसवें गुरु]] थे। उनके पिता [[गुरू तेग बहादुर]] की मृत्यु के उपरान्त ११ नवम्बर सन १६७५ को वे गुरू बने। वह एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक नेता थे। सन १६९९ में [[बैसाखी]] के दिन उन्होने '''[[खालसा]]''' पन्थ की स्थापना की जो सिखों के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है।
 
गुरू गोबिन्द सिंह ने सिखों की पवित्र ग्रन्थ '''[[गुरु ग्रंथ साहिब]]''' को पूरा किया तथा उन्हें [[गुरु]] रूप में सुशोभित किया। '''[[बिचित्र नाटक]]''' को उनकी [[आत्मकथा]] माना जाता है। यही उनके जीवन के विषय में जानकारी का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है। यह '''[[दसम ग्रन्थ]]''' का एक भाग है। दसम ग्रन्थ, गुरू गोबिन्द सिंह की कृतियों के संकलन का नाम है।