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हमारी [[पृथ्वी]] और [[सूर्य]] जिस गैलेक्सी में अवस्थित हैं, रात्रि में हम नंगी आँख से उसी गैलेक्सी के ताराओं को देख पाते हैं। अब तक ब्रह्मांड के जितने भाग का पता चला है उसमें लगभग ऐसी ही १९ अरब गैलेक्सीएँ होने का अनुमान है। ब्रह्मांड के विस्फोट सिद्धांत (बिग बंग थ्योरी ऑफ युनिवर्स) के अनुसार सभी गैलेक्सीएँ एक दूसरे से बड़ी तेजी से दूर हटती जा रही हैं।
 
[[ब्रह्माण्ड]] में सौ अरब '''गैलेक्सी''' अस्तित्व में है। जो बड़ी मात्रा में तारे, [[गैस]] और [[खगोलीय धूल]] को समेटे हुए है। गैलेक्सियों ने अपना जीवन लाखो वर्ष पूर्व प्रारम्भ किया और धीरे धीरे अपने वर्तमान स्वरूप को प्राप्त किया। प्रत्येक गैलेक्सियाँ अरबों तारों को को समेटे हुए है। गुरुत्वाकर्षण तारों को एक साथ बाँध कर रखता है और इसी तरह अनेक गैलेक्सी एक साथ मिलकर तारा गुच्छ में रहती है।
 
प्रारंभ में खगोलशास्त्रियों की धारणा थी कि ब्रह्मांड में नई गैलेक्सियों और क्वासरों का जन्म संभवत: पुरानी गैलेक्सियों के विस्फोट के फलस्वरूप होता है। लेकिन यार्क विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्रियों-डॉ॰सी.आर. प्यूटर्न और डॉ॰ए.ई राइट ने गैलेक्सियों के चार समूहों की अंतरक्रियाओं का अध्ययन करके इस धारणा का खंडन किया है। उन्होंने यह बताया कि गैलेक्सियों के बीच में ऐसी विस्फोटक अंतर क्रियाएँ नहीं होती हैं जो नई गैलेक्सियों को जन्म दे सकें।