"मध्वाचार्य": अवतरणों में अंतर

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श्री मध्वाचार्य ने [[प्रस्थानत्रयी]] ग्रंथों से अपने द्वैतवाद सिद्धांत का विकास किया। यह `सद्वैष्णव´ भी कहा जाता है, क्योंकि यह श्री [[रामानुजाचार्य]] के श्री वैष्णवत्व से अलग है।
 
श्री मध्वाचार्य ने `'''पंच भेद''' का अध्ययन किया जो `अत्यन्त भेद दर्शनम्´ भी कहा जाता है। उसकी पांच विशेशतायें हैं :
 
*(क) भगवान और व्यक्तिगत आत्मा की पृथकता,