"अनुदैर्घ्य तरंग": अवतरणों में अंतर

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तरंगें , जो स्प्रिंग के साथ २ चलती है,जब उसे एक सिरे पर दबाया और खींचा जाता है longitudenal तरंग होती है।
ये तरंगे विरलन तथा संपीड़न के माध्यम से आगे बड़ती है
२. वायु में ध्वनि तरंगे ,longitudenal तरंगे होती है। जब ध्वनि तरंगे वायु से होकर गुजरती है,वायु के कड़ ध्वनि तरंग की दिशा के समानांतर आगे पीछे कम्पन करते हैं। अतः,जब ध्वनि क्षैतिज दिशा में प्रगमन करती है।
विरलन longitudenal तरंग का वह भाग है जिसमें माध्यम के कड़ सामान्य स्थिति की अपेक्षा दूर दूर होते हैं जिसमें माध्यम के आयतन में क्षडिक वृद्धि होती है।
संपीडन उच्च दाब का क्षेत्र है जबकि विरलन निम्न दाब का क्षेत्र है। उपर्यक्त माध्यम से होकर प्रगमं करने वाली longitudenal तरंग में संपीडान और विरलन होते हैं।