"जुलियस सीसर": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
+img |
Bishaldev100 (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 9:
यद्यपि सेनेट की बैठक रोम में होती रही होगी तथापि राज सत्ता का वास्तविक केंद्र सीज़र के मुख्यावास पर ही था। कई बार उसे तानाशाह की उपाधि भी दी जा चुकी थी, जो एक अस्थायी सत्ता होती थी और किसी विषम परिस्थिति का सामना करने के लिए होती थी। अब उसने इस उपाधि को आजीवन धारण कर लेने का निश्चय किया, जिसका अर्थ वास्तव में यही था कि वह राज्य के समस्त अधिकारियों तथा संस्थाओं पर सर्वाधिकार रखे और उनका राजा कहलाए।
==हत्या==
तानाशाह का रूप धारण करना ही सीज़र की मृत्यु का कारण हुआ। एकच्छत्र राज्य की घोषणा का अर्थ गणतंत्र का अंत था और गणतंत्र के अंत होने का अर्थ रिपब्लिकन संभ्रांत समुदाय के आधिपत्य का अंत। इसीलिए उन लोगों ने षड्यंत्र रचना आरंभ कर दिया। षड्यंत्रकारियों का नेता मार्कस बूट्स बना जो अपनी नि:स्वार्थ देशभक्ति के लिए प्रसिद्ध था। परंतु इसके अनुयायी अधिकांशत: व्यक्तिगत ईर्ष्या तथा द्वेष से प्रेरित थे। १५ मार्च ४४ ई. पू. को जब सीनेट की बैठक चल रही थी तब ये लोग सीज़र पर टूट पड़े और उसका वध कर दिया। इस मास का यह दिन उसके लिए अशुभ होगा, इसकी चेतावनी उसे दे दी गई थी।'
|