"मुहम्मद बिन तुग़लक़": अवतरणों में अंतर

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== राजधानी परिवर्तन ==
तुग़लक़ ने अपनी दूसरी योजना के अन्तर्गत राजधानी को दिल्ली से देवगिरि स्थानान्तरित किया। देवगिरि को “कुव्वतुल इस्लाम” भी कहा गया। सुल्तान कुतुबुद्दीन मुबारक ख़िलजी ने देवगिरि का नाम 'कुतुबाबाद' रखा था और मुहम्मद बिन तुग़लक़ ने इसका नाम बदलकर दौलताबाद कर दिया। सुल्तान की इस योजना के लिए सर्वाधिक आलोचना की गई। मुहम्मद तुग़लक़ द्वारा राजधानी परिवर्तन के कारणों पर इतिहासकारों में बड़ा विवाद है, फिर भी निष्कर्षतः कहा जा सकता है कि, देवगिरि का दिल्ली सल्तनत के मध्य स्थित होना, मंगोल आक्रमणकारियों के भय से सुरक्षित रहना, दक्षिण-भारत की सम्पन्नता की ओर खिंचाव आदि ऐसे कारण थे, जिनके कारण सुल्तान ने राजधानी परिवर्तित करने की बात सोची। मुहम्मद तुग़लक़ की यह योजना भी पूर्णतः असफल रही और उसने 1335 ई. में दौलताबाद से लोगों को दिल्ली वापस आने की अनुमति दे दी। राजधानी परिवर्तन के परिणामस्वरूप दक्षिण में मुस्लिम संस्कृति का विकास हुआ, जिसने अंततः बहमनी साम्राज्य के उदय का मार्ग खोला। अनुभव मौर्य
 
== सांकेतिक मुद्रा का प्रचलन ==