"बाबरी मस्जिद": अवतरणों में अंतर
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'''बाबरी मस्जिद'
[[भारत|विशेष हित साधने के लिए कुछ लोगों द्वारा प्रचारित किया गया कि भारत]] के प्रथम [[मुग़ल साम्राज्य|मुग़ल]] सम्राट [[बाबर]] के आदेश मंदिर को ध्वस्त कर वहां पर 1527 में इस मस्जिद का निर्माण किया गया था।<ref name="Colin">{{cite book|last=फ्लिन्ट|first=कोलिन|title=द जिओग्रफी ऑफ वार & पीस [युद्ध और शांति का भूगोल]|publisher=Oxford University Press|year=2005|isbn=9780195162080|url=http://books.google.com/books?id=7Ms5N7NhGXIC&pg=PA165}}</ref><ref name="Karen ">{{cite book|last=Vitelli|first=Karen |title=Archaeological ethics|publisher=Rowman Altamira|year=2006|edition=2|isbn=9780759109636|url=http://books.google.com/books?id=LTW1Rf-NfJsC&pg=PA104}}</ref> पुजारियों से हिन्दू ढांचे या निर्माण को छीनने के बाद मीर बाकी ने इसका नाम बाबरी मस्जिद रखा। 1940 के दशक से पहले, मस्जिद को मस्जिद-ए-जन्म अस्थान ({{lang-ur|{{नस्तालीक़|مسجدِ جنم استھان}}}}, अनुवाद : "जन्म स्थान की मस्जिद") कहा जाता था, इस तरह इस स्थान को हिन्दू ईश्वर, [[राम]] की जन्मभूमि के रूप में स्वीकार किया जाता रहा है।<ref>सैयद शहाबुद्दीन अब्दुर रहमान, बाबरी मस्जिद, तीसरा मुद्रण, आजमगढ़: दारूल मुसंनिफिन शिबली अकादमी, 1987, पीपी 29-30.</ref> पुजारियों से हिन्दू ढांचे को छीनने के बाद मीर बाकी ने इसका नाम बाबरी मस्जिद रखा। परंतु वास्तविकता यह है कि किसी भी मस्जिद का निर्माण किसी अवैध जगह पर या छीनी गई जगह पर नहीं किया जा सकता ऐसा इस्लाम धर्म में प्रतिबंधित है।
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