"निकाह (1982 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर
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'''निकाह''' 1982 में बनी [[हिन्दी भाषा]] की फ़िल्म है।
== संक्षेप ==
हैदर ([[राज बब्बर]]) और नीलोफर ([[सलमा आग़ा]]) दोनों ओस्मानिया यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई करते रहते हैं। हैदर एक कवि बनना चाहते रहता है और नीलोफर से प्यार करने लगता है। उसे ये पता नहीं होता है कि नीलोफर की पहले ही वसीम के साथ सगाई हो चुकी है। जल्द ही नीलोफर और वसीम की शादी हो जाती है और वहीं हैदर एक मशहूर कवि और एक मैगज़ीन का संपादक बन जाता है।
शादी के बाद नीलोफर को पता चलता है कि वसीम को बस अपने काम से ही प्यार है और वो छोटी छोटी चीजों के लिए भी विमान में बैठ कर दूसरे शहर चले जाया करता है। हनीमून के दिन वसीम को एक बहुत बड़ा काम मिलता है और वो सारा का सारा वक्त काम करने में बिता देता है। इसके बाद भी कई बार वसीम उससे समय का वादा कर के वादा तोड़ देता है और नीलोफर को अकेला रोता हुआ छोड़ जाता है।
शादी के एक साल बाद उनके शादी की सालगिरह का वक्त भी आ जाता है। दोनों पार्टी का आयोजन करते हैं, लेकिन वसीम पार्टी में आ नहीं पाता है और सभी मेहमान नीलोफर से सवाल पे सवाल करते हैं, जिससे नीलोफर पार्टी छोड़ कर अपने कमरे में चले जाती है। वसीम के घर आने के बाद उन दोनों में जम कर बहस होती है और गुस्से में वसीम उसे तीन बार तलाक कह देता है।
नीलोफर को हैदर अपने मैगज़ीन में काम पर रख लेता है। इस दौरान उसे एहसास होता है कि हैदर अब भी उससे प्यार करता है। वसीम, जो गुस्से में नीलोफर को तलाक दे चुका है, वो दुबारा उससे शादी करना चाहते रहता है और इस कारण वो इमाम से मिलता है और इस मामले में सलाह मांगता है। इमाम उससे कहता है कि शरीया क़ानून के अनुसार उसे बताता है कि नीलोफर को इसके लिए किसी और से शादी करनी पड़ेगी, फिर तलाक लेने के बाद ही वो उससे फिर शादी कर सकता है।
इस दौरान हैदर अपनी दिल की बात नीलोफर को बता देता है। वे दोनों अपने माता-पिता की सहमति के बाद शादी कर लेते हैं। वसीम उसे एक पत्र लिखता है, जिसमें लिखा होता है कि वो हैदर को तलाक दे कर उससे फिर शादी कर ले। लेकिन वो पत्र नीलोफर के जगह हैदर पढ़ लेता है और उसे लगता है कि वसीम और नीलोफर एक दूसरे से अब भी प्यार करते हैं। वो वसीम को नीलोफर के पास लाता है और कहता है कि वो तलाक देने को तैयार है। लेकिन नीलोफर इससे इंकार कर देती है और कहती है सवाल करती है कि क्यों वे लोग उसके साथ एक महिला की तरह नहीं, बल्कि एक जायदाद की तरह बर्ताव कर रहे हैं? इसके बाद वो कहती है कि वो हैदर के साथ ही अपनी जिंदगी बिताना चाहती है। वसीम उन दोनों को शुभकामनायें देते हुए चला जाता है।
== चरित्र ==
== मुख्य कलाकार ==
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