"अनुलोम-विलोम प्राणायाम": अवतरणों में अंतर

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== सावधानी ==
* सास लेते समय अपना ध्यान दोनो आँखो के बीच में स्थित आज्ञा चक्र पर ध्यान एकत्रित करना चाहिए।
* मन ही मन में सांस लेते समय ओउम् ओउम-ओउम्ओउम का जाप करते रहना चाहिए।
* बायी नाडी को चन्द्र (इडा, गन्गा) नाडी, और दायी नाडी को सूर्य (पीन्गला, यमुना) नाडी केहते है।
* चन्द्र नाडी से थण्डी हवा अन्दर जती है और सूर्य नाडी से गरम नाडी हवा अन्दर जती है।
पंक्ति 57:
* सबसे बड़ा खतरनाक कँन्सर तक ठीक हो जाता है।
* सभी प्रकारकी अँलार्जीयाँ मीट जाती है।
* (स्मरण शक्ति )मेमरी बढाने की लीये|
* सर्दी, खाँसी, नाक, गला ठीक हो जाता है।
* ब्रेन ट्युमर भी ठीक हो जाता है।