"कर्पूरी ठाकुर": अवतरणों में अंतर
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== ओजस्वी वक्ता ==
कर्पूरी ठाकुर दूरदर्शी होने के साथ-साथ एक ओजस्वी वक्ता भी थे आजादी के समय पटना की कृष्णा टॉकीज हॉल में छात्रों की सभा को संबोधित करते हुए एक क्रांतिकारी भाषण दिया कि "हमारे देश की आबादी इतनी अधिक है कि केवल थूक फेंक देने से अंग्रेजी राज बह जाएगा" इस भाषण के कारण उन्हें सजा भी झेलनी पड़ी थी.
वह देशवासियों को सदैव अपने अधिकारों को जानने के लिए जगाते रहे वह कहते थे
"संसद के विशेषाधिकार
कायम रहे,अक्षण रहे
बढ़ते रहें आवश्यकतानुसार,
परंतु जनता के अधिकार भी
यदि जनता के अधिकार
कुचले जायेंगे तो जनता आज-न-कल संसद के विशेषाधिकारओं को चुनौती देगी"
कर्पूरी ठाकुर का चिर परिचित नारा था
"हक चाहो तो लड़ना सीखो
कदम कदम पर अड़ना सीखो
जीना है तो मरना सीखो"
== राजनीतिक जीवन ==
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