"सर्वनाम": अवतरणों में अंतर

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वाक्य में जिस शब्द का प्रयोग संज्ञा के बदले में होता है, उसे सर्वनाम कहते हैं। सर्वनाम शब्द का अर्थ है- सब का नाम। संज्ञा जहाँ केवल उसी नाम का बोध कराती है, जिसका वह नाम है, वहाँ सर्वनाम से केवल एक के ही नाम का नहीं, सबके नाम का बोघ होता है। जैसे – राधा कहने से केवल इस नामवाली लड़की का बोध होगा किन्तु सीता, गीता, राम, श्याम सभी अपने लिए मैं का प्रयोग करते हैं तो मैं इन सबका नाम होगा। इसी तरह बोलनेवाले अनेक नामों के बदले तुम या आप और सुननेवाले अनेक नामों के बदले वह या वे का प्रयोग होता है।
 
हिंदी के मूल सर्वनाम 11 हैं, जैसे- मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौनghhhhhhutकौन, क्या, कोई, कुछ।
प्रयोग की दृष्टि से सर्वनाम के छः प्रकार हैं-
# पुरूषवाचक - '''मैं, तू, वह, हम, मैंने'''
# निजवाचक - '''आप'''
# निश्चयवाचक - '''यह, वह'''hhnhu
# अनिश्चयवाचक - '''कोई, कुछ'''
# संबंधवाचक - '''जो, सो'''