"सदमा (1983 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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'''सदमा''' १९८३1983 में बनी [[हिन्दी भाषा]] की फ़िल्मफिल्म है।
 
== संक्षेप ==
ये कहानी नेहालता के कार हादसे में घायल होने से शुरू होती है। एक दिन पार्टी से घर लौटते समय एक कार हादसे में नेहालता को खास कर उसके सिर में काफी गंभीर चोट आती है। अस्पताल में वो अपने माता-पिता को भी नहीं पहचान पाती है। उनके माता-पिता को पता चलता है कि उनकी बेटी का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है, जिसके कारण वो बच्चों की तरह व्यवहार करने लगी है। इलाजे के दौरान कुछ लोग उसका अपहरण कर लेते हैं और वेश्यालय में बेच देते हैं। सोमप्रकाश उर्फ सोमू अपने एक पुराने दोस्त से मिलता है, वो उसे आराम कराने के लिए वेश्यालय ले जाता है। वहाँ नेहालता को सोमू के कमरे में रेशमी नाम से भेज दिया जाता है। सोमू को एहसास होता है कि वो मानसिक रूप से बच्ची है। उसे पता चलता है कि उसका अपहरण हुआ था और उससे जबरदस्ती ये सब काम कराया जा रहा है।
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सोमू उन सब को कार से जाते देख कर उसका पीछा करता है। रेशमी उर्फ नेहालता उसे देख कर पहचान नहीं पाती है और उसे लगता है कि कोई पागल है। सोमू उसका ध्यान पाने की बहुत कोशिश करता है, पर वो ध्यान ही नहीं देती है। कार का पीछा करते हुए सोमू को चोट लग जाती है। सोमू वहाँ अकेला रह जाता है और ये सब देख कर उसका दिल टूट जाता है। सोमू को मिले इस सदमे के साथ ही कहानी समाप्त हो जाती है।
 
== चरित्र ==
== मुख्य कलाकार ==
* [[कमल हसन]]
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* [[पदमा चवन]]
* [[इफ़्तेख़ार]] - ट्रेन यात्री
 
== दल ==
== संगीत ==
 
== रोचक तथ्य ==
== परिणाम ==
=== बौक्स ऑफिस ===
=== समीक्षाएँ ===
== नामांकन और पुरस्कार ==
== बाहरी कड़ियाँ ==
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
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