"वैदिकबाद": अवतरणों में अंतर
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वैदिकबाद याने रामराज्य एक अवधारणा है महात्मा गाँधी देश में स्वाधीनता के बाद रामराज्य लाना चाहते थे इसी बिषय पर एक पार्टी अखिल भारतीय राम राज्य परिषद भी बनी थी जिसने 1952,1957और 1962 के लोकसभा चुनाव भी लड़े थे
वैदिकबाद का सबसे अलग जो महात्मा गाँधी का विचार था वह ग्राम स्वराज का था । ग्राम स्वराज एक ऐसी व्यवस्था कि कल्पना थी जिसमें विकास कि शुरूवात निचले स्तर से हो जबकि जो व्यवस्था चल रहि है उसमें नेताओं के बाद नौकरशाही समस्त व्यवस्था कॊ ऊपर से चलाती है जो कि केन्द्र राज्य जिला ब्लॉक और फ़िर ग्राम पंचायत तक पंहुचती है