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[[File:Indian states according to the party of their chief minister.png|thumb|वर्तमान में भारत के जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन है]]
'''राष्ट्रपति शासन''' (या केन्द्रीय शासन) [[भारत]] में शासन के संदर्भ में उस समय प्रयोग किया जाने वाला एक पारिभाषिक शब्द है, जब किसी [[राज्य सरकार]] को भंग या निलंबित कर दिया जाता है और राज्य प्रत्यक्ष संघीय शासन के अधीन आ जाता है। [[भारत का संविधान|भारत के संविधान]] का अनुच्छेद-356, केंद्र की संघीय सरकार को राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता या संविधान के स्पष्ट उल्लंघन की दशा में उस राज्य का भूत वाला सरकार को बर्खास्त कर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का अधिकार देता है। राष्ट्रपति शासन उस स्थिति में भी लागू होता है, जब राज्य [[विधानसभा]] में किसी भी दल या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं हो।
 
सत्तारूढ़ पार्टी या केंद्रीय (संघीय) सरकार की सलाह पर, [[राज्यपाल]] अपने विवेक पर सदन को भंग कर सकते हैं, यदि सदन में किसी पार्टी या गठबंधन के पास स्पष्ट बहुमत ना हो। राज्यपाल सदन को छह महीने की अवधि के लिए ‘निलंबित अवस्था' में रख सकते हैं। छह महीने के बाद, यदि फिर कोई स्पष्ट बहुमत प्राप्त ना हो तो उस दशा में पुन: चुनाव आयोजित किये जाते हैं।
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[[जम्मू और कश्मीर]] में राष्ट्रपति शासन को '''राज्यपाल शासन''' कहा जाता है।<ref>{{cite web |url=https://www.livehindustan.com/national/story-jammu-and-kashmir-under-governors-rule-centre-plans-return-to-a-hardline-security-policy-2024081.html |title=जम्मू-कश्मीरः राज्यपाल शासन के दौरान आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई और तेज करेगी केंद्र सरकार |last= |first= |date=20 जून 2018 |publisher=[[हिन्दुस्तान लाइव|लाइव हिन्दुस्तान]] |accessdate=12 जुलाई 2018}}</ref>
 
== अनुच्छेद-356 ==
अनुच्छेद 356, केंद्र सरकार को किसी राज्य सरकार को बर्खास्त करने और राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुमति उस अवस्था में देता है, जब राज्य का संवैधानिक तंत्र पूरी तरह विफल हो गया हो।