"सनकादि ऋषि": अवतरणों में अंतर
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==उत्पत्ति ==
भगवान का प्रथम अवतार सनकादि ४ मुनि हैं।<ref>[http://hi.krishnakosh.org/कृष्ण/श्रीमद्भागवत_महापुराण_प्रथम_स्कन्ध_अध्याय_3_श्लोक_1-14 भागवत प्रथम स्कंध अध्याय ३]</ref> वे परमात्मा जो साकार हैं उन्होंने लीलार्थ २४ तत्वों के अण्ड का निर्माण किया। उस अण्ड से ही वे परमात्मा साकार रूप में बाहर निकले। उन्होंने जल की रचना की तथा हजारों दिव्य वर्षों तक उसी जल में शयन किया अतः उनका नाम नारायण हुआ।
: ''आपो नरा इति प्रोक्ता आपो वै नरसूनवः।
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