"गीत (1992 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर
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नेहा ([[दिव्या भारती]]) हरि सक्सेना के यहाँ नर्तकी और गायिका के रूप में कार्य करती हैं और उसके कई प्रशंसक मौजूद हैं। एक रात हरि उसका यौन उत्पीड़न करने का प्रयास करता है लेकिन असफल रहता है। फिर वो नेहा के खाने में एक जहरीला पदार्थ मिला देता है, जिससे उसके [[स्वर-रज्जु]] को नुकसान पहुँचता है। इसके परिणामस्वरूप उसकी आवाज़ गड़बड़ा जाती है और वो गाने में असमर्थ हो जाती है। वो मन बहलाने के लिये दूर के गाँव में जाती है।
वहीं राजेश त्रिपाठी ([[अविनाश
उसका नाम साफ़ हो जाता है। फिर नेहा उसे एक अलग-थलग झोंपड़ी में ले जाती और उसे वहाँ बंद कर देती है, जिससे वह लगभग मर ही जाता है। इस घटना के बाद, नेहा उसकी दोस्ती को स्वीकार कर लेती है और उसको बताती है कि वह अब कभी नहीं गा सकती है। राजेश चुनौती स्वीकार करता है और नेहा की आवाज और उसके करियर को फिर से जीवित करने के बारे में तैयारी करता है। उसे ये नहीं पता कि दोनों हरि का निशाना बन सकते हैं - जिसने नेहा और उसका साथ देने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक भयानक अंत की योजना बनाई है।
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