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[[Youa Utthan Sewa Samiti Gonda Up]]
[["युवा उत्थान सेवा समिति"]] का उदय 15 जून 2018 को [[गोण्डा]] जिले के एक छोटे से गांव [[रुदापुर]] में व्यापत भर्ष्टाचार , सरकारी सुविधाओं का अभाव , [[गरीबो के शोषण]] के चलते उनकी आवाज बुलंद करने के लिए एक गरीब किसान के घर से एक आदम उत्साही , साहसी , निर्भीक , उत्तेजक बालक ने गांव वालों के अंदर अपने हक़ को पाने के लिए प्रेरित किया और एक यूनिटी बनाने के लिए सभी से आग्रह किया जिससे युवा उत्थान सेवा समिति का उदय हुआ । उम्र अभी [[16 साल]] की थी उसे देख किसी को विश्वास नही होता थाहै कि इस उम्र में ही इतना साहस और दूसरों के प्रति लगाव है । समिति गठित होने पर पहली बार जब वह अपने गांव की समस्या लेकर [[जिलाधिकारी]] के पास पंहुचा तो उस लड़के के साहस को देखकर गोण्डा जिलाधिकारी ([[श्री कै. प्रभांशु श्रीवास्त जी]]) ने उसकी पीठ थपथपाई और मुस्करा कर उन्होंने कहा :- [[" सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है कि जोर कितना बाजुए कातिल में है"]] , और उन्होंने देखा कि जितने भी लोग थे ओ सभी एक ही केशरिया रंग में थे तो उन्होंने लड़के से कहा कि तुमने तो सभी को केसरिया में क्यों रंग दिया तो उसने जबाब दिया ये रंग [[त्याग और उत्तेजना]] का [[प्रतीक]] है । उस लड़के के आग्रह करने पर डीएम जी ने खुद गांव का दौरा किया । उस बालक का नाम [["बृजेश"]] थाहै और उसके कुछ साथी थेहै जो उसके साथ तन मन धन से जुड़े थे दिन रात एक होकर गांव वालों के लिए निस्वार्थ मेहनत करते थे।है । सलाम करता हूँ सहस और जज्बे को ।।
अतः मैं आप सभी से निवेदन करना चाहता हूँ तो कि जब एक छोटा सा लड़का अपने साहस को मरने नही देता तो हम सभी को ऐसे ही निस्वार्थ भावना के समाज का निर्माण करना चाहिए । इसके प्रेरणा लिए एक बालक के साहस का उदाहरण काफी है ।।