"काशी हिन्दू विश्वविद्यालय": अवतरणों में अंतर
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संप्रति इस विश्वविद्यालय के दो परिसर है। मुख्य परिसर (१३०० एकड़) वाराणसी में स्थित है जिसकी भूमि [[काशी नरेश]] ने [[दान]] की थी। मुख्य परिसर में ६ संस्थान्, १४ संकाय और लगभग १४० विभाग है। विश्वविद्यालय का दूसरा परिसर [[मिर्जापुर जनपद]] में बरकछा नामक जगह (२७०० एकड़) पर स्थित है। ७५ छात्रावासों के साथ यह एशिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्वविद्यालय है जिसमे ३०,००० से ज्यादा छात्र अध्यनरत हैं जिनमे लगभग ३४ देशों से आये हुए छात्र भी शामिल हैं।
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वर्ष २०१५-१६ विश्वविद्यालय की स्थापना का शताब्दी वर्ष था जिसे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, उत्सवों व प्रतियोगिताओं एवं २५ दिसंबर को महामना मालवीय जी की जयंती-उत्सव का आयोजन कर मनाया गया।
==उद्देश्य==
विश्वविद्यालय के उद्देश्य निम्नलिखित हैं :
*(१) अखिल जगत की सर्वसाधारण जनता के, एवं मुख्यतः हिन्दुओं के, लाभार्थ हिन्दूशास्त्र तथा संस्कृत साहित्य की शिक्षा का प्रसार करना, जिससे प्राचीन [[भारत की संस्कृति]] और उसके उत्तम विचारों की रक्षा हो सके, तथा प्राचीन भारत की [[सभ्यता]] में जो कुछ महान तथा गौरवपूर्ण था, उसका निदर्शन हो।
*(२) सामान्यतः [[कला]] तथा [[विज्ञान]] की समस्त शाखाओं में शिक्षा एवं अनुसन्धान को बढ़ावा देना।
*(३) भारतीय घरेलू उद्योगों की उन्नति और भारत की द्रव्य-सम्पदा के विकास में सहायक आवश्यक व्यावहारिक ज्ञान से युक्त वैज्ञानिक, तकनीकी तथा व्यावसायिक ज्ञान का प्रचार और प्रसार करना।
*(४) [[धर्म]] तथा [[नीति]] को शिक्षा का आवश्यक अंग मानकर नवयुवकों में सुन्दर चरित्र का गठन करना।
== इतिहास ==
पं॰ मदनमोहन मालवीय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना का श्रीगणेश १९०४ ई. में किया, जब काशीनरेश महाराज प्रभुनारायण सिंह की अध्यक्षता में संस्थापकों की प्रथम बैठक हुई। १९०५ ई. में विश्वविद्यालय का प्रथम पाठ्यक्रम प्रकाशित हुआ। जनवरी, १९०६ ई. में [[कुंभ मेला|कुंभ मेले]] में मालवीय जी ने त्रिवेणी संगम पर भारत भर से आयी जनता के बीच अपने संकल्प को दोहराया। कहा जाता है, वहीं एक वृद्धा ने मालवीय जी को इस कार्य के लिए सर्वप्रथम एक पैसा
डॉ॰ बेसेंट द्वारा समर्पित सेंट्रल हिंदू कालेज में काशी हिंदू विश्वविद्यालय का विधिवत शिक्षणकार्य, १ अक्टूबर १९१७ से आरम्भ हुआ। १९१६ ई. में आयी बाढ़ के कारण स्थापना स्थल से हटकर कुछ पश्चिम में १,३०० एकड़ भूमि में निर्मित वर्तमान विश्वविद्यालय में सबसे पहले इंजीनियरिंग कालेज का निर्माण हुआ तत्पश्चात क्रमशः आर्ट्स कालेज एवं साइंस कालेज स्थापित किया गया। १९२१ ई से विश्वविद्यालय की पूरी पढ़ाई कमच्छा कॉलेज से स्थानांतरित होकर नए भवनों में प्रारंभ हुई। विश्वविद्यालय का औपचारिक उद्घाटन १३ दिसम्बर १९२१ को प्रिंस ऑव वेल्स ने किया।
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