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यह जैनों का सिद्ध क्षेत्र है यहाँ से नारायण श्री कृष्ण के सबसे बड़े भ्राता तीर्थंकर भगवन देवादिदेव 1008 नेमीनाथ भगवान ने मोक्ष प्राप्त किया जिनके पाँचवी टोंक पर चरण है यह [[अहमदाबाद]] से 327 किलोमीटर की दूरी पर [[जूनागढ़]] के १० मील पूर्व [[भवनाथ]] में स्थित हैं। यह एक पवित्र स्थान है जो जैन एवं हिंदू घर्माबलंबियों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ है। हरे-भरे [[गिर वन]] के बीच पर्वत-शृंखला धार्मिक गतिविधि के केंद्र के रूप में कार्य करती है।
 
इन पहाड़ियों की औसत ऊँचाई 3,500 फुट है पर चोटियों की संख्या अधिक है। इनमें जैन तीर्थंकर [[नेमिनाथ]], [[अंबामाता]], [[गोरखनाथ]], औघड़ सीखर, गुरू [[दत्तात्रेय]] और कालका प्रमुख हैं। सर्वोच्च चोटी 3,666 फुट ऊँची है। यहां पर पंडों का कब्जा है जो कि जैन श्रद्धालुओं को परेशान करते हैं
 
==इतिहास==